नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आग लगी हुई है. साल 2014 के बाद ये अपने सबसे ऊंचे स्तर पर है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत तब से आधी हो चुकी है. मुंबई में तो पेट्रोल का दाम 80 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया. अगर रायपुर की बात करें, तो यहां पेट्रोल 70.88 रु और डीजल 63.48 रु प्रति लीटर है.

गौरतलब है कि 2014 में एक बैरल कच्चे तेल की कीमत 6 हजार रुपए थी, जबकि आज इसकी कीमत प्रति बैरल 3 हजार 093 रुपए है. दरअसल मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कई गुणा बढ़ा दी है.

कैसे महंगा होता है पेट्रोल?

गौरतलब है कि पेट्रोल पर ड्यूटी 10 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर करीब 22 रुपए हो गई है. 1 लीटर पेट्रोल रिफाइनरी से खरीदने पर करीब 26.65 रुपए लगते हैं. इस पर 4.50 रुपए मार्केटिंग मार्जिन और खर्च आता है. 21.48 रुपए सेंट्रल टैक्स, 3.24 रुपए डीलर का कमीशन, 14.96 रुपए लोकल वैट और सेस लगता है. 26.65 रुपए में रिफाइनरी में खरीदा हुआ पेट्रोल हमारे पास आते-आते 70 रुपए से ज्यादा का हो जाता है.

भारत में इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम कच्चे तेल को रिफाइन करती है. ये कंपनियां एक लीटर कच्चे तेल के लिए 21.50 रुपए का भुगतान करती हैं. इसके बाद एंट्री टैक्स, रिफाइनरी प्रोसेसिंग, लैंडिंग कॉस्ट और दूसरे ऑपरेशनल कॉस्ट को मिला दें, तो एक लीटर कच्चे तेल को रिफाइन करने में 9.34 रुपए खर्च होते हैं. इसका मतलब है कि एक लीटर पेट्रोल तैयार करने में ऑयल कंपनियों को करीब 31 रुपए का खर्च आता है, लेकिन इस पर केंद्र सरकार टैक्स वसूलती है.

हम 48 रुपए से ज्यादा सिर्फ टैक्स के रूप में भुगतान करते हैं.

साल 2014 से लेकर अब तक केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 126 फीसदी बढ़ा दी है. वहीं डीजल पर लगने वाली ड्यूटी में 374 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है.

सरकार भूली अपना चुनावी वादा

भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पेट्रोल की कीमत को एक बड़ा मुद्दा बनाया था. 26 मई 2014 को जब मोदी सरकार ने शपथग्रहण किया था, तब पेट्रोल के दाम दिल्ली में71.41 रुपए/लीटर और डीजल के भाव 56.71 रु/लीटर थे. जबकि उस वक्त कच्चे तेल की कीमत अभी से दोगुनी थी.

लोगों में कीमतों को लेकर गुस्सा

इधर लोगों में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर गुस्सा है. सोशल मीडिया पर भी सरकार पर जमकर निशाना साधा जा रहा है. आम आदमी पार्टी ने पेट्रोल के दाम का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. AAP की सोशल मीडिया टीम ने फेसबुक और ट्विटर अभियान भी चलाया है, जहां बीजेपी की चुनावी नारों पर निशाना साधा जा रहा है.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने इस साल 16 जून को सभी पेट्रोलियम कंपनियों को हर रोज पेट्रोल और डीजल के दाम बदलने की छूट दी थी और डायनैमिक प्राइसिंग लागू किया था.

आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया टीम की तरफ से मोदी सरकार के खिलाफ तैयार किए नारों को जमकर शेयर किया जा रहा है. इन्हीं नारों में से एक ‘देश झेल रहा महंगाई की मार, मूलतंत्र है भ्रष्टाचार’. AAP की सोशल मीडिया फौज ने पैम्फ्लट बनाकर बताया है कि साल 2015 के मुकाबले 2017 में पेट्रोल, डीजल, रेल किराया और एलपीजी गैस के दाम कितने बढ़ गए हैं. वहीं कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में जुट गई है.