दिल्ली. प्रधानमंत्री Narendra Modi आज डिजिटल माध्यम से G-7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी 12 और 13 जून को G-7 के शिखर सम्मेलन के संपर्क (आउटरीच) सत्रों में डिजिटल माध्यम से भाग लेंगे. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री Boris Johnson ने कॉर्नवाल में G-7 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में शुक्रवार को घोषणा करते हुए बताया कि  ब्रिटेन अगले साल तक दुनिया को कोविड-19 के टीके की 10 करोड़ खुराकें देगा.

बता दें कि विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि पीएम मोदी देश में कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर G-7 के शिखर सम्मेलन में डिजिटल माध्यम से भाग लेने के लिए ब्रिटेन नहीं जाएंगे.

G-7 समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं. G-7 के अध्यक्ष के नाते ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है.

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री Boris Johnson ने आगे कहा कि, इस कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से इस घातक बीमारी के खिलाफ मानवता की रक्षा के लिए ब्रिटेन ने आगे बढ़कर प्रयास किया है. एक साल पहले ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके को इस आधार पर वित्तीय मदद की थी कि दुनिया को किफायती मूल्य पर टीके की आपूर्ति हो.

बता दें कि शिखर सम्मेलन के औपचारिक सत्र के पहले Johnson ने महामारी को हराने के लिए बड़े कदम उठाने का संकल्प लिया. ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान के साथ यूरोपीय संघ और अतिथि राष्ट्र के तौर पर भारत, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.

ब्रिटेन दुनिया के गरीब देशों के लिए सितंबर के अंत तक कोरोना वैक्सीन की 50 लाख खुराकें मुहैया कराएगा. Johnson ने कहा कि ब्रिटेन अगले साल तक और 9.5 करोड़ खुराकें उपलब्ध कराएगा. इनमें से 80 प्रतिशत खुराकें संयुक्त राष्ट्र पहल ‘कोवैक्स’ को भेजी जाएंगी. Johnson ने कहा कि G-7 शिखर सम्मेलन में मुझे उम्मीद है कि सहयोगी नेता भी इसी तरह का संकल्प जताएंगे ताकि अगले साल के अंत तक पूरी दुनिया का टीकाकरण हो जाए और कोरोना वायरस के लिहाज से सुरक्षित माहौल बनें.