इमरान खान, खण्डवा। जिले के संत सिंगाजी ताप परियोजना के फेस-2 की 3 नंबर यूनिट करीब 10 माह से बंद है। इसे सुधारने के लिए गुजरात भेजा गया है। इस वजह से 660 मेगावाट की तीन नंबर यूनिट से बिजली उत्पादन ठप है। इससे सरकार को अब तक करीब दो सौ करोड़ का आर्थिक नुकसान हो चुका है।
जानकारी अनुसार अगस्त 2020 को 660 मेगावाट की तीन नंबर यूनिट का परफॉरमेंस गारंटी टेस्ट (पीजी टेस्ट) किया गया था। तब इकाई को फूल लोड पर ले जाने के दौरान यूनिट नंबर तीन की टरबाइन में हाई वाइब्रेशन पाया गया था। ऐसे में 660 मेगावाट की यह इकाई बंद करनी पड़ी थी। इसकी जांच के लिए जापान से इंजीनियर बुलवाना पड़ा।
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प्रतिदिन चार करोड़ का नुकसान
साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए की लागत वाली ईकाई की टरबाइन के इंजीनियर्स की टीम ने खोलकर बारीकी से जांच की। इसमें हाई वाइब्रेशन से टरबाइन के मुख्य बेरिंग के प्लेट व कई ब्लेड टूटने का मामला सामने आया था। इसके बाद इसे गुजरात सुधारने के लिए भेजा गया था, लेकिन इसमें अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया है। इसी वजह से प्लांट के तीन नंबर यूनिट से बिजली उत्पादन बंद है। वरिष्ठ अफसरों के अनुसार 1.5 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन ठप हुआ है। हर दिन लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। अब तक दो हजार करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हो चुका है।
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मामले की चल रही जांच, दोषी पर होगी कार्रवाई
संत सिंगाजी थर्मल पावर परियोजना के जनसंपर्क अधिकारी आर पी पांडे का कहना है कि फेस-टू की 660 मेगावाट की तीन नंबर यूनिट की टरबाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। इसे सुधारने के लिए भेजा गया था। मामले की जांच उच्च अधिकारियों के द्वारा की जा रही है। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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