जगदलपुर। वामपंथी उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी पर लगातार पुलिस दवाब के बीच सुकमा जिले के पूर्ति निवासी माओवादी नेता हिडमा को कंपनी कमांडर क्रमांक 1 का लीडर बनाया गया है यह पहला मौका है जब बस्तर के किसी बड़े नेता को महत्वपूर्ण जवाबदारी सौंपी गई है!
खुफिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हिडमा मार्च और अप्रैल में घटित दो घटनाओं का मास्टरमाइंड था जिन्होंने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाया था जिसके कारण उसे बड़ा ओहदा मिला है!
इस प्रकार की जानकारी पुलिस के अधिकारियों के पास पहुंचने के बाद पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि यह माओवादियों का चाल है क्योंकि माओवादियों पर इन दिनों पुलिस का दवाब है जिस के मद्देनजर इस प्रकार की राजनीतिक रणनीति उनके द्वारा खेली गई है! पुलिस के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अभी तो यह खुफिया जानकारी के आधार पर बातें सामने आ रही है किंतु इससे संबंधित दस्तावेज पुलिस को नहीं मिले हैं! ज्ञात हो कि हिडमा आदिवासी समाज के मुरिया जाति का है और उसके नेतृत्व में भेज्जी तथा बुर्कापाल में सीआरपीएफ को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है जिसके मद्देनजर बस्तर से दिल्ली तक हलचल मची थी! यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के माओवादियों को ही शीर्ष नेतृत्व में जगह मिलती थी किंतु इस जानकारी के अनुसार बस्तर के किसी माओवादी नेता को जगह दिया गया है!
ज्ञात हो कि ऑपरेशन प्रहार के दौरान हिडमा के घायल होने की जानकारी भी सामने आई है और वह फिलहाल अबूझमाड़ में देसी जड़ी बूटी से इलाज कराने की सूचना भी मिल रहा है!खुफिया रिपोर्ट की तस्दीक के लिए बस्तर के उप पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज से चर्चा करने की कोशिश की गई किंतु उनसे चर्चा नहीं हो पाया जिससे पुलिस का पक्ष नहीं रखा जा सका!