नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति ने सोमवार को कचरा प्रबंधन की कमी और बढ़ते कूड़े के पहाड़ को लेकर एमसीडी की खिंचाई की है. विधायक आतिशी की अध्यक्षता में लोक लेखा समिति ने एमसीडी आयुक्त को तलब किया है. समिति ने उन्हें 30 मई 2022 तक एमसीडी के ठोस कचरे के प्रबंधन के संबंध में ऑडिट रिपोर्ट, वित्तीय अनुबंध और व्यय रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. इस मौके पर समिति की अध्यक्ष आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा एमसीडी को जो धन आवंटित किया जाता है, उसका कहां और कैसे उपयोग हो रहा है, इसके विस्तृत अध्यनन की आवश्यकता है.
ठोस कचरा प्रबंधन न होने के पीछे धन की कमी को ठहराया जिम्मेदार
एमसीडी के अधिकारियों ने हमेशा बेहतर ढंग से ठोस कचरा प्रबंधन न होने के पीछे धन की कमी को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि केजरीवाल सरकार हर साल एमसीडी को इसके लिए उचित फंड देती है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि ये पैसे कहां इस्तेमाल हो रहे हैं. केजरीवाल सरकार से साल-दर-साल धन प्राप्त करने के बावजूद भाजपा शासित एमसीडी अपने प्राथमिक कार्य में पूरी तरह विफल रही है.
अपनी जिम्मेदारियों से दूर भागती एमसीडी की जवाबदेही और पारदर्शिता की कमी को उजागर करते हुए कमेटी की अध्यक्ष आतिशी ने कहा कि जब पूर्वी दिल्ली के एमसीडी आयुक्त को अपने अन्य अधिकारियों के साथ पर्यावरण समिति के सामने एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करते हुए ये पूछा गया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम गाजीपुर लैंडफिल साइट में 140 लाख टन पुराने कचरे को साफ करने में क्यों सक्षम नहीं है, उनके पास लैंडफिल में बार-बार आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए क्या तंत्र मौजूद हैं, तो उनका जवाब था कि फंड की कमी के कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम कचरे में आग लगने के इस खतरे को हल करने में सक्षम नहीं है.
एमसीडी के खातों के विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता
विधायक आतिशी ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि ठोस कचरा प्रबंधन के नाम पर केजरीवाल सरकार से साल-दर-साल धन मिलने के बावजूद भाजपा शासित एमसीडी अपने प्राथमिक काम में पूरी तरह से विफल रही है. इस प्रकार पर्यावरण समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए एमसीडी के खातों के विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने लोक लेखा समिति को इस विस्तृत अध्ययन का जिम्मा सौंपा है. कमेटी ने एमसीडी आयुक्त को पिछले 5 सालों की निगम के चीफ ऑडिटर की ऑडिट रिपोर्ट, ठोस कचरा प्रबंधन के उद्देश्य से केजरीवाल सरकार द्वारा दी गई राशि पर एक विस्तृत रिपोर्ट, इस धन के उपयोग का विस्तृत विवरण और एमसीडी व निजी पार्टियों के बीच सभी वित्तीय अनुबंधों की एक कॉपी जैसे म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट का संग्रहण, परिवहन और निपटान का ब्योरा पेश करने को कहा है.
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