प्रतीक चौहान. रायपुर. ‘गृह निर्माण मंडल को प्यारी नहीं मॉलश्री विहार में करोड़ों की एक एकड़ जमीन ? अवैध कब्जे में आज तक झांकने नहीं गए… 2012 से लगातार हो रही शिकायत’ इस शीर्षक के साथ लल्लूराम डॉट कॉम ने मंगलवार को एक खबर प्रकाशित की थी. जिसमें बताया था कि मॉलश्री विहार के खसरा नंबर 331 में पुजारी परिवार का कब्जा है और कागजों में ये गृह निर्माण मंडल की भूमि है.

 इस मामले में पुजारी परिवार ने अपना दावा किया है और अवैध कब्जा स्वीकारते हुए कहा है कि गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

पुजारी परिवार ने दावा किया है कि खसरा नंबर 296 जहां आईएएस अधिकारियों के आवास बने है वो शासकीय जमीन पर नहीं बल्कि उनकी निजी जमीन पर बने है. जिसके निर्माण के वक्त ही उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. इसी जमीन के एवज में उन्होंने गृह निर्माण मंडल की ही जमीन खसरा नंबर 331 मांगी थी.

पुजारी परिवार ने लल्लूराम डॉट कॉम को वो दस्तावेज भी उपलब्ध कराए है जिसमें 7 अक्टूबर 2009 को तत्कालीन कलेक्टर ने उन्हें जमीन के बदले जमीन देने की अनुशंसा की थीं. इसका पत्र भी कलेक्टर ने सचिव को प्रेषित किया था.

लेकिन अधिकारियों ने जब वो जमीन पुजारी परिवार के नाम से ट्रांसफर नहीं की तो उन्होंने गृह निर्माण मंडल की जमीन पर कब्जा इसलिए किया क्योंकि वहां कोई और कब्जा न कर ले. वहीं इस मामले को लेकर वो हाईकोर्ट भी गए है. उनका दावा है कि ये मामला अभी कोर्ट में पेंडिंग है. लेकिन अवैध कब्जे की बात उन्होंने स्वीकारी और ये भी कहा कि गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों के गलती का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने ये भी दावा कि या है कि जितनी जमीन गृह निर्माण मंडल ने उनकी ली है केवल उतनी जमीन पर ही उन्होंने कब्जा किया है. इसके अतिरिक्त किसी जमीन पर कब्जा न होने की बात उन्होंने कही है. वहीं पुजारी परिवार के खिलाफ तेलीबांधा थाने में दर्ज एफआईआर को लेकर उन्होंने अपना कोई भी पक्ष नहीं रखा. उन्होंने कहा है कि वे उस मामले में अपना कानूनी पक्ष पुलिस के समक्ष ही रखेंगे.