Punjab News: चंडीगढ़. नशे के विकट स्वरूप को लेकर लिए गए संज्ञान मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से पूछा है कि हरियाणा और पंजाब में नशे के आदी लोगों की संख्या कितनी है. इसके साथ ही यह भी पूछा है लोगों को जागरूक करने और नशे के चंगुल से बचाने के लिए दोनों राज्यों में क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के डीजी ने सोमवार को चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता कर सरहद पर नशे की तस्करी को लेकर चिंता व्यक्त की थी. इस प्रेस वार्ता के मुद्दों को बेहद गंभीर मानते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के तौर पर सुनने का निर्णय लिया था. हाईकोर्ट ने पंजाब व हरियाणा सरकार से पूछा है कि आखिर प्रदेश में लोगों को नशे के चंगुल से बचाने के लिए और जागरूक करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. साथ ही भविष्य को लेकर दोनों राज्यों की क्या योजना है.

इसके साथ ही नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से पूछा है कि दोनों राज्यों में नशे के चंगुल में कितने लोग फंसे हैं और उनके पुनर्वास को लेकर क्या योजना मौजूद है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर हरियाणा, पंजाब व एनसीबी सहित अन्य प्रतिवादियों को इस बारे में पक्ष रखने का आदेश दिया है.