भुवनेश्वर: मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुला नंद मलिक ने कहा कि ओडिशा सरकार पुरी के स्वर्गद्वार श्मशान घाट में पर्यावरण के अनुकूल बदलाव पर विचार कर रही है, क्योंकि दाह संस्कार के लिए लकड़ी की जगह गाय के गोबर के उपलों (घासी) का इस्तेमाल किया जाएगा।
दाह संस्कार के लिए गाय के गोबर के उपलों का इस्तेमाल हिंदू धार्मिक प्रथाओं के अनुरूप है। इस प्रस्तावित बदलाव का उद्देश्य लकड़ी जलाने से होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है।
सरकारी अधिकारियों ने चर्चा प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें स्वर्गद्वार का प्रबंधन करने वालों से इनपुट मांगना शामिल है। मंत्री ने कहा कि आने वाले हफ्तों में सरकार योजना को अंतिम रूप देकर इसे लागू कर देगी।

इस पहल के तहत उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें पांच मंत्री और पांच सचिव शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह समिति गाय के गोबर और गोमूत्र के उपयोग के अन्य तरीकों पर विचार करेगी, जिसका उद्देश्य गायों की सुरक्षा को बढ़ावा देना, पशु आश्रयों का विस्तार करना और डेयरी उत्पादन को बढ़ाना है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने इन प्रयासों का समर्थन करने के लिए पहले ही कामधेनु योजना शुरू कर दी है।
- भीषण सड़क हादसा : दो ट्रकों की टक्कर के बाद वैन ट्रक में घुसी, आग लगने से चालक की जिंदा जलकर मौत, 5 घायल
- कातिल पति को उम्रकैद: पत्नी को पीट-पीटकर उतारा था मौत के घाट, अब सारी जिंदगी खाएगा जेल की हवा
- योगी सरकार का बड़ा फैसला : राज्य के 75 जिलों में अमर शहीदों के नाम पर बसाए जाएंगे वन, प्रेरणा और पर्यावरण का होगा मेल
- नकली चढ़े असली पुलिस के हत्थे: बदमाशों ने खाकी का डर दिखाकर ड्राइवर से ऐंठे थे हजारों रुपये
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान MP के इस मंदिर का हुआ जिक्र, चीफ जस्टिस ने कपिल सिब्बल से पूछे सवाल