अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सीएम और पूर्व सीएम के बीच प्रश्नोत्तर का दौर जारी है. एक दूसरे से सवाल-सवाल खेलने में लगे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कमलनाथ (former CM Kamal Nath) से फिर सवाल पूछा है. उन्होंने कहा कि सत्ता हमारे लिए साध्य नहीं है, साधन है. अनेको योजनाओं के माध्यम से निरंतर हम प्रयास कर रहे हैं कि प्रदेश के विकास के माध्यम से भी जनता की सेवा और जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से भी सेवा हो. लेकिन कांग्रेस केवल सत्ता के लिए राजनीति करती चली आई है.

सवा साल में कांग्रेस ने क्या किया- सीएम शिवराज

कांग्रेस के वचनपत्र में कमलनाथ ने कहा था कि सहायक कृषि आधारित उद्योगों जैसे पशुपालन, डेयरी विकास, कुक्कुट पालन और मत्स्य पालन उद्यानिकी लाभ के लिए किसानों को प्रोत्साहन देंगे. रियायती ब्याज दरों पर पाँच वर्ष बैंक लोन उपलब्ध करवाने का वचन दिया था. सवा साल में कांग्रेस ने क्या किया. कमलनाथ बताये. सत्ता प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाकर झूठ बोलने के बाद वचन देना और फिर जवाब ना देना. अकाउंटेबिलिटी क्या है ? जनता जाने की यह झूठे वादे कितने किए थे.

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भगवान से डरिए और झूठी घोषणाएं बंद करिए- कमलनाथ

पूर्व सीएम कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज से सवाल किया है कि झूठइ लेना, झूठइ देना. झूठइ भोजन, झूठ चबेना. बोलहिं मधुर बचन जिमि मोरा. खाइ महा अहि हृदय कठोरा. शिवराज जी, आप जैसी झूठ की मशीनों के लिए सदियों पहले रामचरितमानस में यह चौपाई लिखी गई थी. इसलिए भगवान से डरिए और झूठी घोषणाएं बंद कर दीजिए.

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जनता को पुरानी झूठी घोषणाओं का हिसाब दीजिए. आपने भाजपा के दृष्टि पत्र में घोषणा की थी कि हम ढाई लाख करोड़ रुपयों के निवेश के माध्यम से प्रदेश के सिंचित क्षेत्र को अगले 5 वर्षों में दोगुना करेंगे. जनता को सच बताइए कि कितना सिंचित क्षेत्र इस कार्यकाल में बढ़ाया या सिर्फ भ्रष्टाचार ही दोगुना किया है.

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