दुर्ग। वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने आप में एक अनूठा कीर्तिमान होता है जो आपको पूरे देश दुनिया में सबसे अलग व अनोखा साबित करती है …..पर छत्तीसगढ़ में साल भर के अंदर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की जैसे बाढ़ सी आ गयी है. एक के बाद एक वर्ल्ड रिकॉर्ड ऐसे बन रहे है जैसे कि कोई भी नींद से जागकर  कुछ करने की सोच ले और एक संस्था उसे वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट प्रदान कर देती है … गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने बीते वर्ष में कई दर्जन वर्ल्ड रिकार्ड बांटकर लोगों को व खुद को भी सुर्ख़ियों में ला दिया है ..तो अब वर्ल्ड रिकॉर्ड पर भी सवाल खड़े होने लगे है…हम ये बात आपको इसलिए बताने जा रहे हैं कि रविवार 12 नवंबर को एकबार फिर से भिलाई के जयंती स्टेडियम में तथाकथित वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने जा रहा है और इस पर भी सवाल उठने लगे है…

भिलाई का जयंती स्टेडियम रविवार को एक बार फिर से विश्व रिकॉर्ड का गवाह बनने जा रहा है यह कोई पहला मामला नहीं जब इस स्टेडियम में विश्व कीर्तिमान स्थापित हो रहा है…इससे पहले भी योग गुरु स्वामी रामदेव ने युवा दिवस के अवसर पर एकसाथ लाखों जनता को योग करा कर 6 विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था ….इस कार्यक्रम में खुद प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह समेत मंत्रिमंडल और क्षेत्र के विधायक भी उपस्थित थे….इसी कार्यक्रम से गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड चर्चा में आया. जिसके बाद इस संस्था ने एक के बाद एक दर्जनों विश्व रिकार्ड बाटने का काम किया….

इस संस्था ने विगत दिनों दुर्ग के रविशंकर स्टेडियम में भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव के नेतृत्व में आयोजित सुआ महोत्सव में भी एक विश्व रिकार्ड प्रदान किया, जिसमे १० हजार से भी अधिक महिलाओ को एकसाथ सुआ नृत्य करने के कारण यह रिकार्ड दिया गया …जिसके बाद इस पर भी सवाल उठने  लगे हैं. गौरतलब है कि सुआ का नृत्य टोकरी में सुआ (तोता) और चांवल रखकर  महिलाए उसके चारो तरफ घूमकर सुआ गीत गाते हुए नृत्य करती हैं पर दुर्ग के रविशंकर स्टेडियम में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं बावजूद संस्था ने सुआ की जाँच किये या उसे जाने बिना ही वर्ल्ड रिकार्ड दे दिया. छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति के जानने वाले इस रिकॉर्ड पर सवाल उठा रहे हैं उनका कहना है कि सुआ नृत्य जब हुआ ही नहीं तो कैसे इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड दे दिया गया. 

अब एक बार फिर से भिलाई में जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने जा रहा है उसके बारे में बात करते हैं इसके आयोजक भिलाई निवासी दीपक खरे की माने तो इस रिकॉर्ड में 4  हजार बच्चों द्वारा भिलाई स्टील प्लांट निर्मित रेल की पटरी और ट्रेन के स्केच पेंटिंग बनाई जाएगी.

रिकॉर्ड बांटने वाली गोल्डन बुक के खिलाफ हो जांच

काँग्रेस जिलाध्यक्ष हेमंत बंजारे ने गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की विश्वसनियता पर सवाल उठाया है और उन्होंने संस्था के खिलाफ जांच की मांग की है.  उन्होंने कहा कि विश्व रिकॉर्ड अपने आप मे एक सुखद अनुभूति और गौरव की बात है रिकॉर्ड बनने और मिलने भी चाहिए पर जिस तरह से छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड बांटे जा रहे हैं. उसे देखकर संदेह भी प्रतीत हो रहा है, क्योंकि बीते दिनों जिस तरह से बिना सुआ नाच किये सुआ नृत्य का रिकॉर्ड दे दिया गया तो ऐसी संस्था पर सवाल खड़ा होता है और उसकी जांच भी कराई जानी चाहिए कि किन तथ्यों और आधार के हिसाब से वो विश्व रिकॉर्ड बाँट रही है.