दिल्ली. देश में कोरोना वायरस के कारण जहां एक तरफ लोगों की जान जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ आम लोगों के सामने अब  रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है. वहीं, कोरोना की दूसरी लहर के चलते काफी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट की मानें तो कोविड-19 की दूसरी लहर की वजह से करीब एक करोड़ से अधिक लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी दर मई में 12 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल में यह 8 प्रतिशत थी.

बेरोजगारी को लेकर राहुल का वार

वहीं अब बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस नेता और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने बढ़ी हुई बेरोजगारी को लेकर केन्द्र सरकार पर हल्ला बोल दिया है. बेरोजगार लोगों के लिए अब राहुल गांधी ने चिंता जताई है. राहुल गांधी ने इसके लिए मोदी सरकार से सवाल भी पूछा है. उन्होंने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा- “अब की बार करोड़ों बेरोजगार. कौन जिम्मेदार? सिर्फ और सिर्फ मोदी सरकार!”

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क्या है सीएमआई की रिपोर्ट?

सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल महामारी के शुरू होने से अब तक 97 प्रतिशत परिवारों की आय कम हो गई है. सीएमआईई के सीईओ महेश व्यास के मुताबिक असंगठित क्षेत्र में तो सुधार हो रहा है, लेकिन संगठित क्षेत्र या फॉर्मल सेक्टर को पटरी पर वापस आने में अभी और भी समय लगेगा. ऐसे में नौकरी गंवाने वाले लोगों को नई नौकरी ढूंढने में कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी दर मई में 12 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल में यह 8 प्रतिशत थी. वहीं, 30 मई को समाप्त हुए सप्ताह में बेरोजगारी दर 17.18 फीसदी रही जबकि दो मई को खत्म हुए सप्ताह में शहरी बेरोजगारी दर 10.8 प्रतिशत थी. शहरी बेरोजगारी दर में 15 दिन में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

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बता दें कि सीएमआईई ने अप्रैल में 1.75 लाख परिवार का देशव्यापी सर्वे का काम पूरा कर लिया है. व्यास के मुताबिक, सर्वे में गत एक साल के दौरान आय सृजन को लेकर चिंताजनक स्थिति सामने आ गई है. सर्वे में शामिल परिवार में से केवल 3 प्रतिशत ने आय बढ़ने की बात कही गई है, जबकि 55 फीसदी ने आमदनी कम होने की बात कही. वहीं, 42 फीसदी ने अपनी आय को पिछले साल के बराबर बताया है.