नई दिल्ली। आज करीब 2 दशक के बाद राहुल गांधी के रूप में 132 साल पुरानी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी को अपना नया अध्यक्ष मिल जाएगा. अब तक उनकी मां सोनिया गांधी इस पद को संभालती आ रही हैं. राहुल का निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय है, क्योंकि इस पद के लिए कांग्रेस से किसी ने भी अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है.

आज नाम वापसी का आखिरी दिन है, लेकिन चूंकि राहुल के अलावा किसी और ने नामांकन दाखिल नहीं किया है, इसलिए आज ही राहुल के अध्यक्ष बनने का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा. हालांकि उनकी ताजपोशी 16 दिसंबर को होगी.

राहुल के अध्यक्ष बनते ही वे इस परिवार के छठे सदस्य होंगे, जो कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभालेंगे. इससे पहले नेहरू-गांधी परिवार से मोतीलाल नेहरू, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, सोनिया गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं.

हालांकि राहुल गांधी के सामने कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं. सबसे बड़ी बात तो ये है कि उनसे उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं. वैसे तो वे नेहरू-गांधी परिवार से आते हैं, लेकिन आज की राजनीति और लोगों की आकांक्षाएं जिस तरह से बदल चुकी हैं, इस दौर में उन्हें खुद को साबित करना होगा. लोगों तक अपनी सीधी पहुंच बनानी होगी.

इसके अलावा जिस तरह से कांग्रेस का जनाधार खोने के साथ ही उसके हाथ से राज्य निकलते जा रहे हैं. वापस राज्यों में कांग्रेस को जनाधार वापस दिलाना भी राहुल गांधी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. फिलहाल केवल 6 राज्यों में कांग्रेस की सरकार है.