Rajasthan News: जयपुर. राज्य सरकार सभी विभागों में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे और कामचोरी करने वाले अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने पर विचार कर रही है. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सभी विभागों को भ्रष्ट और कामचोर अफसर-कर्मचारियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव ने विभागों से ऐसे अफसर और कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने का प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है. इसके बाद सभी विभागों में इस पर कवायद शुरू हो चुकी है. प्रस्ताव के अनुसार भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त अफसर और कार्मिक सबसे पहले छंटनी के दायरे में आएंगे.

कवायद के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि सरकार अच्छे अफसरों-कार्मिकों से काम कराकर सुशासन का संदेश देना चाहती है. सेवा नियमों में पहले से जबरन रिटायर करने के नियम और प्रावधान हैं. नियमों के तहत सरकार ऐसे किसी भी अफसर या कर्मचारी को जबरन रिटायर कर सकती है, जिनके खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार के मामले आते हों या सरकार के कामकाज में लगातार लापरवाही दिखाकर बोझ बन चुके हों.

नियमों के अनुसार जिन अफसर-कार्मिकों की 15 साल की सरकारी नौकरी पूरी हो चुकी हो, तो आचरण और खराब काम के आधार पर तीन महीने का नोटिस या तीन महीने का एडवांस वेतन देकर जबरन रिटायर किया जा सकता है. विभागीय स्क्रीनिंग में सालाना एसीआर खराब होने पर अफसर- कार्मिकों को छांटा जाता है. वहीं, लापरवाह अफसर-कार्मिकों को इस प्रक्रिया के माध्यम से चेतावनी देने का प्रयास किया गया है. प्रक्रिया के दौरान लापरवाही सुधार ली तो कार्रवाई से बच सकते हैं.

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