Rajasthan News: प्रदेश की सबसे हॉट सीट नागौर पर कांग्रेस और हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बीच गठबंधन पर मुहर लग गई है। आज कांग्रेस ने की चौथी लिस्ट के अनुसार इंडिया गठबंधन के अंतर्गत नागौर सीट हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी को दी गई है। अब हनुमान बेनीवाल का मुकाबला भाजपा की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा से होगा। इससे पहले 2014 और 2019 में भी दोनों आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं

गठबंधन का प्रत्याशी बनने के बाद हनुमान बेनीवाल ने कहा, देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा के लिए हमने एक कदम बढ़ाया और एक कदम कांग्रेस पार्टी ने बढ़ाया और उसी के परिणामस्वरूप आज नागौर लोक सभा की सीट इंडिया गठबंधन में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को दी गई है।

नागौर लोकसभा सीट पर भाजपा को 1997 के उपचुनाव, 2004 और 2014 के चुनाव में ही जीत मिली। वहीं पिछले चुनाव में भाजपा और आरएलपी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल यहां से चुनाव जीते थे। जबकि कांग्रेस को यहां से 10 बार जीत मिली है।

बता दें नागौर परंपरागत रूप से जाट राजनीति का प्रमुख गढ़ माना जाता है। नागौर के जातिगत समीकरण पर गौर करें तो नागौर में जाट सर्वाधिक हैं। इनके बाद यहां मुस्लिम वोटर्स आते हैं। राजपूत, एससी और मूल ओबीसी के मतदाता भी अच्छी खासी तादाद में हैं।

भाजपा ने पहली बार 1991 में सुशील कुमार चौधरी को उम्मीदवार बनाया। इसके बाद 1998 में डेगाना के विधायक रहे रिछपाल मिर्धा को टिकट दिया। मगर उन्हें हार मिली। इसके बाद भाजपा ने फिर से विधायक भंवरसिंह डांगावास पर दांव खेला। इस और डांगावास 2004 में नागौर में कमल खिलाने में कामयाब रहे।

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