Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में शनिवार सुबह से ही कर्फ्यू जैसे हालात नजर आ रहे हैं। जिले के सीकर शहर, लोसल, खुड और धोद सहित कई कस्बों में दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। जगह-जगह पुलिस बल तैनात है। इस स्थिति की वजह इंडी गठबंधन के बैनर तले बनी संघर्ष समिति का बंद का आह्वान है। समिति ने सीकर से संभाग का दर्जा खत्म करने और नीमकाथाना जिले को निरस्त करने के विरोध में यह कदम उठाया है।

हर जगह पुलिस की कड़ी निगरानी
बंद समर्थकों का कहना है कि राज्य सरकार को सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को यथावत रखना चाहिए। जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। बंद के मद्देनजर जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पूरे सीकर शहर में पुलिस बल तैनात है और अधिकारी व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं। हालांकि, आवश्यक सेवाओं और रोडवेज बसों के संचालन को बंद से बाहर रखा गया है।
कई संगठनों का समर्थन
सीकर बंद को कांग्रेस, माकपा, आरएलपी, अभिभाषक संघ, शिक्षक संघ, छात्र संगठन एसएफआई और एनएसयूआई सहित 50 से अधिक राजनीतिक, व्यापारी और सामाजिक संगठनों का समर्थन मिला है।
जनसभा की तैयारी
संघर्ष समिति के सदस्य और अभिभाषक संघ सीकर के अध्यक्ष भागीरथ मल जाखड़, जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा सुनीता गठाला और पूर्व विधायक व माकपा के जिला सचिव पेमाराम ने संयुक्त बयान में बताया कि पहले चरण में सीकर बंद का आह्वान किया गया है। दूसरे चरण में 7 जनवरी को उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा।
संघर्ष समिति की योजना है कि आंदोलन को जन आंदोलन में बदलने के लिए गांव-गांव और ढाणी-ढाणी तक संपर्क किया जाएगा। 6 जनवरी के बाद एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सीकर, चूरू, झुंझुनूं और नीमकाथाना जिलों के जनप्रतिनिधि और आमजन शामिल होंगे।
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