Rajasthan News: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के महासचिव मिलिंद परांडे ने रविवार को राजस्थान दौरे के दौरान धर्मांतरण और नशाखोरी को लेकर कड़ा बयान दिया। सिरोही में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि देशविरोधी ताकतें योजनाबद्ध तरीके से भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक संरचना को कमजोर करने की साजिश रच रही हैं।

सीमावर्ती जिलों में धर्मांतरण का आरोप

परांडे ने कहा कि राजस्थान के कई सीमावर्ती जिलों में धर्मांतरण की गतिविधियां बड़े पैमाने पर चल रही हैं। उनके मुताबिक यह केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि संगठित और योजनाबद्ध प्रयास है ताकि जनसंख्या का असंतुलन पैदा किया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि देशभर में, खासकर पूर्वोत्तर और सीमा से जुड़े इलाकों में, अवैध मजहबी इमारतों का निर्माण इस रणनीति का हिस्सा है।

उन्होंने साफ कहा कि राजस्थान सरकार को तुरंत धर्मांतरण निरोधक विधेयक लाकर कठोर कानून बनाना चाहिए, तभी इन गतिविधियों पर अंकुश लग पाएगा।

युवाओं में नशाखोरी पर चिंता

विहिप महासचिव ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को भी गंभीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि युवा देश की रीढ़ हैं, लेकिन नशाखोरी उनकी ऊर्जा और शक्ति को नष्ट कर रही है। इस समस्या से निपटने के लिए विहिप, बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी ने राष्ट्रव्यापी नशा मुक्ति अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

इस अभियान के तहत स्कूलों, कॉलेजों और समाज के विभिन्न वर्गों में जागरूकता कार्यक्रम होंगे। उद्देश्य है युवाओं को नशे से दूर रखना और समाज को इस खतरे से बचाना।

मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण को बताया अन्यायपूर्ण

मंदिर प्रबंधन पर सरकार के अधिकारों को अन्यायपूर्ण बताते हुए परांडे ने कहा कि देश में किसी मस्जिद या चर्च पर सरकारी दखल नहीं है, लेकिन मंदिरों पर नियंत्रण लागू किया गया है। उनके मुताबिक, हिंदू समाज द्वारा मंदिरों में दी गई दान राशि का उपयोग सरकारें मनमाने ढंग से करती हैं और उसे अन्य धर्मों के लोगों पर खर्च किया जाता है।

उन्होंने कहा कि विहिप इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन जारी रखेगी और “मंदिर मुक्ति आंदोलन” को और तेज करेगी।

विहिप का स्थापना दिवस और संदेश

यह बयान विहिप के 61वें स्थापना दिवस के मौके पर आया। परांडे ने कहा कि संगठन आने वाले समय में सामाजिक और धार्मिक चुनौतियों का डटकर मुकाबला करेगा और जन-जागरण अभियान तेज किया जाएगा।

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