जितेंद्र सिन्हा, राजिम– फिंगेश्वर छुरा प्रमुख मार्ग पर स्थित ग्राम सोरिदखुर्द के रमई पाठ धाम मंदिर में चैत्र नवरात्र पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब सुबह से देर रात तक उमड़ रही है. चैत्र व क्वांर नवरात्रि पर्व आते ही प्रतिवर्ष अंचल सहित दूर दराज से एक बड़े तादात में मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ने लगता है. वहीं प्राचीन मान्यता अनुसार मंदिर परिसर के गर्भगृह में स्थापित 8 वीं सदी की प्राचीन मूर्ति लोगों को भाव विभोर करती है.

लोग बताते है कि भगवान राम व माता सीता 14 वर्ष के वनवास काल के दरमियान इसी दुर्गम घने बीहड़ जंगलों के बीच से गुजरे थे. जिसकी प्रतीकात्मक स्वरूप मूर्ति आज भी मंदिर परिसर में स्थापित है. यही वजह की मंदिर में सच्चे मन से नि:संतान दंपत्तियों के द्वारा मांगी गई मुरादे आज भी पूरी होने की मान्यता है. यहां प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं में निरंतर वृद्धि हो रही है. इसके साथ ही मनोकामना दीप अंचल में सबसे अधिक यही देखने को मिलता है.

वर्तमान में मंदिर परिसर में 1281 मनोकामना दीप अंचल सहित दूर-दराज के श्रद्धालुओं के द्वारा प्रज्जवलित किया गया है. वहीं प्रतिदिन मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए जनसहयोग से भोजन भंडारा की व्यापक व्यवस्था समिति सदस्यों के द्वारा की गई है. प्राकृतिक सौंदर्य से विभूषित घने जंगलों के बीच पहाड़ों में स्थापित 8वीं सदी की मूर्ति के अलावा मंदिर में सालों से आम के वृक्ष के नीचे जड़ से गंगा स्वरूप अविरल बह रही जलधारा श्रद्धालुओं को अपनी ओर सहजता से आकर्षित कर लेती है.

जलधारा से मंदिर परिसर में भोजन भंडारा व ग्रामीणों का उपयोग करने के बावजूद आज तक पानी की धार कम नहीं हुई. बल्कि जल कही स्टोर होने के बजाय मंदिर परिसर में ही विलुप्त हो जाती है. समिति के सदस्य तिलक राम सिन्हा, गोसाई राम, कन्हैया निर्मलकर ने कहा कि सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है. नवरात्र में बड़ी संख्या में माता के भक्त पहुंच रहे हैं.