रायगढ़- चुनावी प्रचार अभियान में पहुंचे मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस के मित्र नए -नए नारे लगाते हैं. उनका एक ही काम है. एक ही सूत्र है कि डाॅक्टर रमन को मुख्यमंत्री पद से कैसे हटाया जाए. इतनी बैचेनी है कि मछली की तरह तड़प रहे हैं कि कब सत्ता मिल जाए.  हम कहते हैं गरीबी हटाना है, वह कहते हैं डाॅक्टर रमन को हटाना है. रमन को हटाने क्या-क्या षडयंत्र नहीं होता. सीडी जारी होता है. मंत्री की नकली सीडी जारी होती है कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ जाएगा. जब सीडी नकली साबित हो जाती है तो अपने नेताओं की ही सीडी जारी कर देते हैं. कांग्रेस का न तो विकास से नाता है और न ही मतलब.

रमन सिंह ने कहा कि रायगढ़ के बीजेपी प्रत्याशी रोशन लाल अग्रवाल को आप जब एक-एक वोट देंगे, तो यह मानकर चलिए कि डाॅक्टर रमन को आपका आशीर्वाद मिल रहा है. उन्होंने कहा कि मैं आज यहां 20 तारीख को होने वाले चुनाव के लिए आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं. इस चुनाव अभियान में मैं लगातार पूरे छत्तीसगढ़ में घूम रहा हूं. बस्तर-राजनांदगांव में चुनाव अभियान पूरा हो चुका है. 18 विधानसभा की वोटिंग के बाद मैं कह सकता हूं कि 18 में से बीजेपी को कम से कम 14 सीट मिलने वाली है. स्पष्ट रूप से चौथी बार सरकार बनाने का रास्ता प्रशस्त हो चुका है. रमन ने कहा कि यह चुनाव बीजेपी के लिए इसलिए चुनौती है कि कांग्रेस के मित्र भ्रम फैलाते हैं, झूठे नारे लगाते हैं, झूठे वादे करते हैं. लेकिन इन सबके बीच वह दिन याद रखिए जब कांग्रेस की सरकार थी. भय, आतंक का आलम था. उस दौर में क्या राजनीतिक स्थिति थी. राजनीतिक हत्याओं का दौर शुरू हो गया था. सड़कें नहीं थी, बिजली नहीं थी, पानी नहीं था. छत्तीसगढ़ में काम की शुरूआत तब हुई, जब 2003 में बीजेपी की सरकार बनी.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रमन ने कहा कि- कांग्रेसी नेता आज धान खरीदी को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं. 2003 में उनकी सरकार थी. धान को डूबा डूबाकर देखते थे. परिवहन शुल्क लिया जाता था. किसानों को 16 फीसदी ब्याज पर ऋण देते थे. यह सब छलावा है. 2400 करोड़ का बोनस हम दे रहे हैं. धान खरीदी की व्यवस्था हमने की है. उन्होंने कहा कि-मैं देख रहा हूं कि घोषणा पत्र में उन्हें होश आ रहा है कि एक रूपया किलो चावल हम भी देंगे गरीबों को. मैं पूछता हूं 15 साल कहा थे. 2007 में डाॅक्टर रमन ने चावल की योजना शुरू की थी. 11 साल हो गए चावल-नमक की योजना शुरू किए,लेकिन उन्हें आज होश आ रहा है. उन्हें लगता है कि चावल दे देंगे, तो रमन को लोग भूल जाएंगे. मैंने वोट के लिए चावल योजना नहीं लागू की थी, मैंने इसलिए लागू किया था कि छत्तीसगढ़ में किसी गरीब मां का बेटा रात में भूखा न सो जाए. कोदो और कुटकी खाते थे, लोग. कंद मूल खाकर जीते थे. उन्होंने कहा कि मैंने वोट के लिए यह सब कुछ नहीं किया. वोट तो मुझे आप आशीर्वाद के रूप में दे देते हैं. रमन लोगों के दिल में बसा है. तुम्हारे एक रूपए किलो चावल दे देने से लोगों के दिलों से रमन को बाहर नहीं निकाल सकते.

ओमप्रकाश चौधरी की जमकर तारीफ भी

इधर मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने खरसिया के बीजेपी उम्मीदवार ओमप्रकाश चौधरी के तारीफ करते हुए कहा कि छोटे से गांव बायंग से निकलकर देश और दुनिया में सम्मान कमाया. एक गरीब परिवार से निकलकर अपनी मेहनत और प्रतिमा के दम पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कराया. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने उन्हें सम्मानित किया है. दरअसल उनका यह सम्मान खरसिया का सम्मान है. वह चाहते तो राज्य के सबसे बड़े अधिकारी बन सकते थे. जीवन भर लाल बत्ती के साथ रूतबे के साथ जी सकते थे, लेकिन उन्होंने खरसिया के लिए यह सब कुछ त्याग दिया है. यह देश में कीर्तिमान है कि पूरा जीवन को दांव पर लगाकर खरसिया की सेवा के लिए उसने नया संकल्प लिया है. नए जीवन की शुरूआत की है.