नवादा. उत्तर प्रदेश और बिहार में रामचरित मानस को लेकर बवाल मचा हुआ है. बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के बयान और यूपी के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद देशभर में विवाद चल रहा है. इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रामचरितमानस पर बयान देकर इस विवाद की आग को हवा दे दी है. उन्होंने कई चौपाइयों पर घोर आपत्ति जताई है.

जीतन राम मांझी ने रविवार को नवादा के कौवाकोल के सोखोदेवरा जेपी आश्रम से गरीब संपर्क यात्रा की शुरुआत की है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों को गलत बताया है और उसे हटाने की बात कही है. उन्होंने कहा नारी नीर नीच कटी धावा, ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी, पूज्य विप्र शील गुण हीना…. चौपाइयों पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इसमें नारी नीर नीच कटी धावा क्यों बोला गया है.

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उन्होंने कहा कि या तो इसे मिटा देना चाहिए या जो रामायण के मर्मज्ञ हैं उन्हें वह काट देना चाहिए. उनका कहना है कि हम जाति की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन नारी जो 50 प्रतिशत है और आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की बात कही जा रही है तो इसमें नारी को नीच बताया जा रहा है. रामायण के ज्ञाता को इसका जवाब जरूर देना चाहिए.

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मांझी ने कहा कि की हम रामचरितमानस को खराब नहीं कह सकते क्योंकि उसमें बहुत ही अच्छी अच्छी बातें लिखी हुई हैं. हम जहां जाते हैं वहां रामायण की ही बात करते हैं इससे अच्छा महा ग्रंथ कोई हो ही नहीं सकता है. राजनीति के लिए यह अच्छी महाकाव्य है. इसमें कहा गया है कि दूसरों की भलाई करने से पुण्य होता है.

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