लखनऊ. समाजवादी पार्टी में स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध शुरू हो गया है. वहीं रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठने लगी है. भाजपा ने अखिलेश यादव से इसको लेकर जवाब मांगा है.

दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करके समाजवादी पार्टी के भीतर ही अपने खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी के तमाम नेताओं और विधायकों ने फोन करके अखिलेश यादव के सामने अपनी आपत्ति जाहिर की है. ज्यादातर नेताओं का मानना है कि हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ के खिलाफ स्वामी प्रसाद के बयान ने पार्टी को तगड़ा नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. ऐसे में पार्टी के कुछ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं.

वहीं यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और स्वामी के पूर्व सहयोगी नंद गोपाल नंदी को आड़े हाथ लिया है. मंत्री नंदी ने कहा जैसे राहुल गांधी ने कांग्रेस को डुबोया वैसे ही स्वामी प्रसाद समाजवादी पार्टी को डुबो रहे हैं. वह सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं. बता दें कि मंत्री नंदी मंगलवार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के कार्यक्रम में बरेली पहुंचे थे, जहां उन्होंने यह बातें कही.

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ऐसे वक्त में जब उत्तर प्रदेश की राजनीतिक हिंदुत्व के एजेंडे के इर्द-गिर्द घूम रही है, ऐसे समय में स्वामी प्रसाद मौर्या के इस बयान में उन तमाम नेताओं को बेचैन कर दिया है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्हें लगने लगा है कि अगर पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ कार्यवाई नहीं की तो उन्हें हिंदुओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है, माना जा रहा है कि अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्या के इस विवादित बयान पर जल्द ही कोई एक्शन लेंगे.

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