अजयारविंद नामदेव, शहडोल. कुछ कर दिखाने का जज्बा और जुनून ही आपके सपनों को नई ऊंचाई देता है. कुछ ऐसे ही जज्बा लिए हिमांशु मंत्री ने अपने सपनों की शुरुआत 2005 से की. आज 17 साल बाद नतीजे को पूरी दुनिया सलाम करती है. रणजी ट्रॉफी में अपने खेल का बेहतर प्रदर्शन कर रणजी जीतने वाले हिमांशु जब अपने घर शहडोल पहुंचे तो वहां लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया.

हिमांशु मंत्री स्टेशन में भव्य स्वागत

शहडोल शहर उस समय जगमगा रहा था जब एक विशाल भव्य स्वागत रैली निकाली गई. जगमगाते शहर का चमकता सितारा हिमांशु मंत्री को पूरे शहर में भ्रमण करवाया गया. हिमांशु स्टेशन से लेकरअपने होम ग्राउंड गांधी मैदान पहुंचे और अपने साथी, खिलाड़ियों से मुलाकात कर भावुक हो गए. हिमांशु ने कहा कि रणजी ट्राफी क्रिकेट खेलना एक सपना था और इतने बड़े टूर्नामेंट में जीत हासिल करना बहुत ही अच्छा लगा. इसी तरह से क्रिकेट में अपना खेल का बेहतर प्रदर्शन कर अपने जिले प्रदेश देश का नाम ऊंचा करेंगे.

2005 में की अपने करियर की शुरुआत

09 मार्च 1994 में शहडोल में जन्मे हिमांशु मंत्री ने जब 2005 में शहडोल के महात्मा गांधी स्टेडियम में अपना पहला कदम रखा, तभी उसने तय कर लिया था कि वह यहां समय गुजारने और शौकिया तौर पर क्रिकेट खेलने नहीं आया है, वह ऐसा कुछ करेगा कि जिससे शहर का नाम रोशन हो. उसने लगातार 17 साल तक कड़ी मेहनत पूरे अनुशासन के साथ की, क्रिकेट को अपने अंदर उतारा, जिसका परिणाम अब निकलकर सामने आ रहा है कि वह क्रिकेट का एक चमकता हुआ सितारा बन गया है.

इसे भी देखे – Sports News: रणजी ट्रॉफी जीतने वाले खिलाड़ियों पर करोड़ों की बारिश, इस दिन होगा MPCA का चुनाव

बल्लेबाजी के साथ उम्दा विकेट कीपर भी

हिमांशु मंत्री एक शानदार बल्लेबाज तो हैं ही, साथ में वह एक उम्दा विकेटकीपर भी हैं. मप्र की क्रिकेट टीम में दो साल पहले सिलेक्ट हुए थे, लेकिन पहली बार जब उनको रणजी ट्राफी के लिए खेलने का मौका मिला तो उन्होंने साबित कर दिया कि उनका भविष्य आने वाले समय में और शानदार होगा. क्रिकेटर हिमांशु मंत्री रणजी ट्राफी के लिए जब मप्र की टीम से खेलते हुए बंगाल की टीम के साथ मुकाबला कर रहे थे और उस समय जब 165 रनों का योगदान अपनी टीम के लिए दिया तो अचानक वह चर्चा में आ गए.

इसे भी देखे – टीम MP ने रचा इतिहास: मुंबई को 6 विकेट से हराकर पहली बार जीता रणजी ट्रॉफी खिताब, सीएम ने दी बधाई

हिमांशु मंत्री लेफ्ट हैंड बेट्समेन

हिमांशु लेफ्ट हैंड बेट्समेन और विकेट कीपर हैं. वर्ष 2013 से हिमांशु शहडोल डिवीजन टीम से खेल रहे थे. इसके पहले वह शहडोल जिले की टीम में रहे हैं, अंडर 19 और अंडर 22 में डिवीजन से खेलते हुए इन्होंने खुद को एक अच्छा क्रिकेटर साबित भी किया है. इनके पिता संदीप मंत्री एक बिजनेसमेन हैं, इन्होंने हिमांशु को आगे बढ़ने में हमेशा हौसला दिया है.

बता दें कि 23 साल पहले यानी 1998-99 में मध्‍यप्रदेश की टीम रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंची थी. आज 23 साल बाद मप्र ने क्रिकेट जगत के इस सूखे को साफ किया है इसमें प्रदेश के खिलाड़ियों का उम्दा प्रदर्शन रहा, हिमांशु मंत्री का भी विशेष योगदान रहा.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus