दिल्ली। आखिरकार निर्भया को सात साल बाद इंसाफ मिल ही गया। तिहाड़ जेल में चारों कातिलों को फांसी के फंदे पर एकसाथ लटकाया गया।
तिहाड़ जेल नंबर तीन में विशेष रूप से बने फांसी के कमरे में चारों दोषियों को अलग अलग बने चार फांसी के फंदों पर लटका दिया गया। दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए मेरठ से पवन जल्लाद को बुलाया गया था। फांसी के डर से चारों दोषी रातभर सोये ही नहीं थे।
जेल प्रशासन ने सुबह साढ़े तीन बजे इनको बैरकों से निकालकर नहाने और नाश्ता कराने के बाद सफेद कपड़े पहनाकर चारों दोषियों से उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई। फिर उनको ठीक साढ़े पांच बजे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।