आजाद सक्सेना, दंतेवाड़ा। बचेली वन परिक्षेत्र के सुभाष नगर में घायल अवस्था में दुर्लभ प्रजाति का मूसक हिरण मिला था. वन विभाग ने इलाज करने के बाद दुनिया में सबसे छोटी हिरण की प्रजाति के प्रतिनिधि को आकाश नगर के पहाड़ी जंगल में छोड़ा.

बैलाडीला की पहाड़ियां केवल लौह अयस्क के लिए ही नहीं, बल्कि अपने प्राकृतिक सौंदर्य और अनोखे जीवों के लिए भी चर्चा का विषय बनती जा रही है. ऐसा ही एक दुर्लभ जीव मूषक हिरण बचेली के सुभाष नगर में रात के समय जंगल से भटकते हुए पहुंच गया था. लोगों ने दुर्लभ जीव को देखकर वन विभाग को सूचना दी. बचेली वन परिक्षेत्र अधिकारी 5 आशुतोष मांडवा, डिप्टी रेंजर अघन श्याम भगत, बीट ऑफिसर राजेश कर्मा सहित वन कर्मी के साथ मौके पर पहुंचे और हिरण को कार्यालय ले गए.

वन परिक्षेत्र अधिकारी आशुतोष मांडवा ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर रायपुर जंगल सफारी के पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर बचेली के पशु चिकित्सक से इस जीव की जांच कराई गई. उपचार के बाद ठीक होने पर उसे जंगल में फिर से छोड़ दिया गया है. उन्होंने बताया कि गोंडी में इस दुर्लभ जीव को तुरें कहा जाता है.

दुनिया की सबसे छोटी हिरण की प्रजाति

जानकारों ने बताया कि घायल मिला मूसक हिरण (इंडियन स्पॉटेड शेवरोटेन) का वैज्ञानिक नाम मोसियोला इंडिका है. इसे विश्व की सबसे छोटी हिरण की प्रजाति है. इसकी लंबाई 575 सेंटीमीटर और वजन 3 किलोग्राम के आस-पास होता है. बैलाडीला के घने जंगलों के बीच वन विभाग ने जानवरों के पीने के पानी के लिए तालाब निर्माण भी करवाया है. बता दें कि बैलाडीला की पहाड़ी करीब 20 किलोमीटर से भी अधिक लंबी है. इसे जंगली जानवरों के लिए सुरक्षित माना जाता है.

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