RBI Monetary Policy Meeting : भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार सातवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. RBI ने ब्याज दरों को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है. यानी लोन महंगा नहीं होगा और आपकी ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी. आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% कर दी थीं. Read More – Share Market Latest Update : शेयर बाजार में गिरावट बरकरार, जानिए सेंसेक्स और निफ्टी का कारोबार

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज यानी शुक्रवार को 3 अप्रैल से चल रही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी. यह बैठक हर दो महीने में होती है. आरबीआई ने फरवरी में हुई अपनी पिछली बैठक में ब्याज दरें नहीं बढ़ाई थीं.

आरबीआई की एमपीसी में 6 सदस्य होते हैं. इसमें बाहरी और आरबीआई दोनों अधिकारी हैं. गवर्नर दास के साथ, आरबीआई अधिकारी राजीव रंजन कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य करते हैं और माइकल देबब्रत पात्रा डिप्टी गवर्नर हैं. शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं.

महंगाई बढ़ना रुका

महंगाई को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ‘हाथी (महंगाई) अब घूमने निकल गया है और जंगल की ओर जा रहा है’ यानी महंगाई में बढ़ोतरी अब रुक गई है. वहीं, उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई दर 4.5% और वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 7% रहने का अनुमान लगाया है.

मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए रेपो रेट एक शक्तिशाली उपकरण

आरबीआई के पास रेपो रेट के रूप में मुद्रास्फीति से लड़ने का एक शक्तिशाली उपकरण है. जब मुद्रास्फीति बहुत अधिक होती है, तो आरबीआई रेपो दर बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में धन के प्रवाह को कम करने का प्रयास करता है. अगर रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज महंगा हो जाएगा.