संकट को हरने वाले हनुमान जी के अनेक रूप है. उनमें से एक है वज्र रूप. वज्र रूप वाले हनुमान जी को बजरंगबली कहा जाता है. हिन्दू धर्म में हनुमान जी को वीरता, भक्ति और साहस का परिचायक माना जाता है. वो संकटमोचन हैं और जगत का कष्ट हरते हैं. माना जाता है कि वो अजर और अमर भी हैं और इस कलयुग में भी जीवित हैं. कलयुग यानि पाप, दुष्कर्म और असत्य का युग, ऐसे युग में सभी बुराइयों से लड़ने के लिए हनुमान जी का अस्तित्व बाकी है.

कहा जाता है कि त्रेता युग में ही भगवान राम ने भक्त हनुमान को कलयुग में धरती की रक्षा करने का कार्यभार सौंपा था जिसे वो अभी तक वहन करते आ रहे हैं. बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण का पाठ किया जाता है. अतः यदि किसी भी प्रकार के संकट की घड़ी हो तो बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए.

हनुमान जी की पूजा से होते हैं यह फायदे

  • बीमारियों से मुक्ति मिलती है.
  • मनुष्य बलशाली होता है.
  • बुद्धि तेज होती है.
  • मनुष्य भयमुक्त हो जाता है.
  • दुश्मनों का नाश होता है
  • जीवन में सफलता मिलती है.

विधि

मगंलवार और शनिवार को हनुमान जी का विशेष दिन बताया गया है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने का प्रावधान है. अपने इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए मंगल अथवा शनिवार का दिन चुन लें. हनुमान जी का एक चित्र या मूर्ति जप करते समय सामने होनी चाहिए. बैठने के लिए कुशासन का प्रयोग करें. अनुष्ठान करने के लिए शुद्ध स्थान तथा शान्त वातावरण होना आवश्यक है. इस दिन हनुमान जी को लाल फूल चढ़ाएं, उसके बाद सिंदूर चढ़ाकर, मिष्ठान में लड्डू या गुड़ चढाएं. शुद्ध घी का दीपक जलाकर उनकी उपासना करें. इसके बाद बजरंग बाण का पाठ करें. शनिवार को भी इसी पूजन विधि को अपना सकते हैं.

शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भगवान शनि भी प्रसन्न होते हैं. कोई मनोकामना यदि काफी समय से पूरी नहीं हो रही है तो मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला या फिर पताका अर्पित करें.

गेंहू, चावल, मूंग, उड़द व काले तिल पांचों अनाजों (गेंहू, चावल, मूंग, उड़द व काले तिल) को अनुष्ठान से पूर्व एक-एक मुठठी मात्रा में लेकर शुद्ध गंगाजल में भिगो दें. अनुष्ठान वाले दिन इन अनाजों को पीसकर उनका दीपक बना लें. बत्ती के लिए अपनी लम्बाई के बराबर कलावे का एक धागा लेकर इसे पांच बार मोड़ लें. इस प्रकार के धागे की बत्ती बनाकर उसे सुगन्धित तेल में डालकर प्रयोग करें. समस्त पूजन काल में यह दीपक जलता रहना चाहिए. हनुमान जी को गूगुल की धूनी सबसे प्रिय है. जप के प्रारम्भ में संकल्प अवश्य लेना चाहिए कि मनोकामना पूर्ण होने पर हम हनुमान जी के निमित्त कुछ न कुछ करते रहेंगे. अब शुद्ध उच्चारण से हनुमान जी की छवि पर ध्यान केन्द्रित करके बजरंग बाण जाप करें.

बजरंग बाण का पाठ करने के लाभ

  • यदि आप शत्रुओं व विरोधियों से बहुत परेशान है तो प्रत्येक मंगलवार को 11 बार बजरंग बाण का पाठ करें.
  • बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से आत्म-विश्वास व साहस में वृद्धि होती है.
  • ह्रदय रोगियों व ब्लड प्रेशर के रोगियों को बजरंग बाण का पाठ करने से स्वास्थ्य में विशेष लाभ होता है.
  • जो बच्चे कमजोर है या किसी को काम को करने से पहले डर से जाते हैं, उन्हें बजरंग बाण का पाठ करवाना चाहिए.
  • अगर हर कार्य में अड़ंगे लग रहे हैं तो शनिवार के दिन 21 बार बजरंग बाण का पाठ करने से फायदा होता है.
  • अगर आप कहीं साक्षात्कार देने जा रहे हैं तो 5 बार बजरंग बाण का पाठ करके जाइये सफलता मिलेगी.