अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्यप्रदेश में G -20 की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने आए 20 देशों के प्रतिनिधि भ्रमण के लिए रायसेन जिले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सांची (world-famous Sanchi) पहुंचे। सभी अतिथि स्तूप (Stupa) देखकर अभिभूत हुए और उन्होंने इसे विश्व शांति (world peace) की भूमि बताया। जी 20 देशों के प्रतिनिधियों के स्तूप परिसर में पहुंचने पर सभी का भारतीय संस्कृति (Indian culture) अनुसार चंदन (Sand) का तिलक लगाकर तथा पुष्प भेंट कर भव्य स्वागत किया गया। सांची में जी-20 प्रतिनिधियों के लिए प्रवेश द्वार पर आकर्षक रंगोली (Rangoli) बनाई गई और विशेष साज-सज्जा भी की गई। शांति का टापू कहे जाने वाले सांची में हुए आत्मीय स्वागत से सभी प्रतिनिधि अभिभूत हो गए। यहां स्कूली बच्चों ने भी बैंड बाजे की धुन और जयहिंद (Jaihind) का घोष कर अतिथियों का स्वागत किया।

कोरोना काल में सभी देशों ने मंदी का सामना किया है ऐसे में G-20 देशों की क्या योजना है इससे उबरने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे है? इस सवाल के जबाब में पीडी डॉ स्टीफन किंजबीएल, जर्मनी से सांची आये प्रतिनिधि ने बताया कि मुझे ऐसा लगता है कि सभी विकासशील देशों में कोविड-19 और रशिया- यूक्रेन युद्ध सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है। उदाहरण स्वरूप मानव विकास का ग्राफ नीचे की ओर जाना इस बात का सूचक है कि इन दोनों परिस्थिति ने विकासशील देशों को झकझोर दिया है।

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इसमें एशियन, अफ्रीकन और लैटिन अमेरिकन देश शामिल हैं। इसको विकसित देशों और OECD जैसे समूह ने इसे नजरंदाज किया। क्योंकि वो अपनी अंदरूनी समस्याओं को सुलझाने में व्यस्त थे। यह बात सही है कि विकासशील देशों ने मंदी का सामना किया है। उन्होंने बताया कि हम आशा करते है आने वाले समय में परिस्थिति जरूर बदलेगी और हम ये भी जानते है की 2023 में भी विकासशील देश मंदी से गुजर रहे है। यही वो समय है जब ये देश विकसित देश और OECD जैसे समूहों की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।(सांची)

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