सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो (Wipro) में ज्वाइनिंग (joining) का इंतजार कर रहे फ्रेशर्स (Freshers) की सैलरी (Salary) को लगभग आधा घटाने के कंपनी के फैसले को लेकर नाराजगी बढ़ रही है. आईटी सेक्टर (IT Sector) की एम्प्लॉइज यूनियन NITES ने विप्रो से इस फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की है. विप्रो के इस कदम से इकोनॉमिक चुनौतियों और टेक कंपनियों के लिए डिमांड की स्थिति का बड़ा संकेत मिल रहा है.

कंपनी ने कैंडिडेट्स को भेजा मेल

बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, Wipro कंपनी ने इस संबंध में अपने नए कैंडिडेट्स को एक ईमेल भेजा है. जैसे कंपनी ने 6.5 लाख रुपये सालाना (LPA) के पैकेज वाले कैंडिडेट्स, जो ऑनबोर्डिंग का इंतजार कर रहे थे, उन्हें एक ईमेल भेजा है. इस ईमेल में कैंडिडेट्स से पूछा गया है कि क्या वे 3.5 LPA की सैलरी पर नौकरी ज्वाइन करेंगे. विप्रो को 2022 बैच के ग्रेजुएट्स के लिए ऑनबोर्डिंग में कई महीनों तक देरी का सामना करना पड़ा है. अब कंपनी ने जिन कैंडिडेट्स को पहले अधिक वेतन पर जॉब ऑफर किया था, उन्हें कम वेतन की पेशकश करने का फैसला किया है. इसे लेकर नए कैंडिडेट्स काफी नाराज चल रहे हैं. Read More – CG News: अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, डॉक्टर की नहीं लगाई ड्यूटी, बुजुर्ग मरीज का समय रहते नहीं हो पाया इलाज…

विप्रो ने दी ये सफाई

विप्रो ने कहा कि ‘हम वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और ग्राहकों की जरूरतों का आकलन कर रहे हैं जो हमारी भर्ती योजनाओं का एक जरूरी हिस्सा है. हम आपकी प्रतिबद्धता और धैर्य की सराहना करते हैं. हम कोशिश करते हैं आपके लिए नए अवसरों की पहचान करें.’ विप्रो ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान में हमारे पास कुछ प्रोजेक्ट इंजीनियर की भूमिकाए हैं, जिनके लिए 3.5 लाख का वार्षिक मुआवजा दिया जा सकता है. हम FY23 बैच में अपने सभी फ्रेश ग्रेजुएट्स को इन भूमिकाओं को चुनने का अवसर देना चाहते हैं. Read More – हसीन संयोग और बेहद हसीन प्रयोग! CM भूपेश बघेल ने अडानी की सीमेंट फैक्ट्री में पॉल्यूशन बोर्ड के निरीक्षण के बाद कार्यालय में ED की छापेमारी पर उठाया सवाल…

एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा, यह अस्वीकार्य है कि कंपनी की वित्तीय परेशानियों का बोझ पूरी तरह से कर्मचारियों के कंधों पर डाला जा रहा है. एनआईटीईएस ने मांग की है कि प्रबंधन अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और पारस्परिक रूप से लाभकारी समाधान खोजने के लिए यूनियन के साथ सार्थक बातचीत करे. सलूजा ने कहा, ‘जब तक हमारे सदस्यों के अधिकारों और गरिमा का हनन हो रहा है, हमारा संघर्ष जारी रहेगा. Read More – ‘UP में का बा’ : नेहा सिंह राठौड़ को नोटिस देने पर IPTA और AIPF ने की कड़ी निंदा, तुरंत वापस लेने की मांग