नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास को कोरोना काल में भारत की बैंकिंग व्यवस्था को स्थिर रखने का पुरस्कार आखिर मिल ही गया. इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिसर्च जर्नल सेंट्रल बैंकिंग’ ने 2023 के लिए उन्हें ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से नवाजा है. इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है.

सेंट्रल बैंकिंग ने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान स्थिर नेतृत्व देने के लिए दास की प्रशंसा की है. पत्रिका ने कहा है कि एक प्रमुख गैर-बैंक फर्म का पतन, कोविड-19 महामारी की पहली और दूसरी लहर और उसके बाद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की वजह से बढ़ती महंगाई के दौर में गवर्नर शक्तिकांत दास का मजबूत और कुशल नेतृत्व प्रशंसनीय है.

आरबीआई ने कोरोना महामारी के दौरान आरबीआई अर्थव्यवस्था को संकट से बचाने से लेकर उसे गति देने के लिए बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स में कटौती की थी. साथ ही आम लोगों को कुछ महीने के लिए ईएमआई नहीं देने से छूट के फैसले के साथ ब्याज में राहत दी गई थी. सेंट्रल बैंकिंग ने कहा कि कोविड महामारी जैसे संकट से निपटने में शक्तिकांत दास का बड़ा प्रभाव था.

1980 बैच के IAS अधिकारी हैं शक्तिकांत दास

शक्तिकांत दास दिल्ली से स्टीफन कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट हैं और 1980 बैच के IAS अधिकारी हैं. 2017 मई तक वे इकोनॉमिक अफेयर्स के सेक्रेटरी थे. दास ने 12 दिसंबर 2018 में RBI के 25 वें गवर्नर का पद संभाला था. उन्हें उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद गवर्नर बनाया गया था. नवंबर 2016 में जब नोटबंदी हुई थी, तब भी दास ही मुख्य मोर्चे पर थे. दास ने 15 वें फाइनेंस कमीशन में भी सदस्य के रूप में काम किया था. भारत की ओर से ब्रिक्स, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और सार्क में प्रतिनिधित्व किया है.

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