नई दिल्ली। नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी और पुलिस द्वारा डॉक्टरों के साथ कथित बदसलूकी को लेकर आंदोलनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों ने आज अपनी 14 दिन की देशव्यापी हड़ताल वापस ले ली. दोपहर से सभी डॉक्टर अपने काम पर लौट आएंगे. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) के सदस्यों और दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त के बीच एक बैठक के बाद हड़ताल का आह्वान किया गया था. एफओआरडीए के अध्यक्ष डॉ मनीष निगम ने कहा कि कल शाम हम दिल्ली के संयुक्त सीपी से मिले. दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि ज्वाइंट सीपी ने डॉक्टरों और पुलिस के बीच विश्वास बहाल करने के लिए वीडियो संदेश भेजा है.

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एफओआरडीए ने एक बयान में कहा कि एफओआरडीए के प्रतिनिधियों की दिल्ली पुलिस के कई अधिकारियों के साथ कई बैठकें हुईं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि डॉक्टरों के लिए उनके मन में सबसे ज्यादा सम्मान है. वे डॉक्टरों की कठिनाईयों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और पहले की तरह वे किसी भी समय किसी भी मुद्दे के लिए चिकित्सा बिरादरी के साथ सहयोग करने को तैयार हैं. एफओआरडीए ने कहा कि सभी आरडीए प्रतिनिधियों के साथ फोर्डा की एक आभासी बैठक देर शाम बुलाई गई थी, जिसमें सभी कार्रवाई से अवगत कराया गया था और सभी संबंधित बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई थी. सर्वसम्मति से 31 दिसंबर 2021 को दोपहर 12.00 बजे आंदोलन को बंद करने का निर्णय लिया गया है.

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हालांकि, डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा है कि सभी आरडीए प्रतिनिधियों के साथ एक राष्ट्रीय बैठक एफओआरडीए द्वारा 6 जनवरी को बुलाई जाएगी. चूंकि स्वास्थ्य मंत्रालय को समिति की रिपोर्ट 6 जनवरी 2022 से पहले सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी है और एनईईटी-पीजी 2021 काउंसलिंग शेड्यूल कोर्ट की सुनवाई के बाद एसोसिएशन को प्रकाशित करने को कहा है. 27 दिसंबर को शीर्ष अदालत की ओर मार्च के दौरान पुलिस की कार्रवाई के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया था.