नयी दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचेतक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विपक्ष के नेताओं के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को पारित कर दिया. दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र शुरू होने के पहले दिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने सदन में विधायकों के वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश किया. दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में वेतन बढ़ोतरी से संबंधित पांच संशोधन विधेयकों को पेश किया.

दिल्ली विधानसभा

90 हजार हो जाएगी दिल्ली में विधायकों की सैलरी

आप सरकार ने पिछले साल अगस्त में वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था, जिसे केंद्र ने इस साल मई में मंजूरी दी थी. उप राज्यपाल ने भी पिछले महीने प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिससे विधेयक को विधानसभा में पेश करने का रास्ता साफ हो गया था. प्रस्ताव के पारित होने के बाद विधायकों के वेतन में 12,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति माह तक की बढ़ोतरी हो जाएगी. इसके अलावा कई अन्य भत्तों में भी वृद्धि होगी। इस तरह कुल मिलाकर वेतन मौजूदा 54,000 रुपये से बढ़कर 90,000 रुपये प्रति माह हो जाएगा. आप सरकार का दावा है कि दिल्ली के विधायकों का वेतन देश में सबसे कम है.

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इन राज्यों में विधायकों को इतनी सैलरी और भत्ते

सबसे ज्यादा वेतन तेलंगाना में विधायकों को मिलता है. यहां उनकी सैलरी 2 लाख 50 हजार है. इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है. यूपी में विधायकों को 2 लाख 10 हजार रुपए वोतन मिलता है. गुजरात में विधायकों की सैलरी 1 लाख 16 हजार, बिहार में 1 लाख 14 हजार, पंजाब में 84 हजार, ओडिशा में 1 लाख, राजस्थान में 1 लाख 42 हजार, आंध्र प्रदेश में 1 लाख 75 हजार, तमिलनाडु में 1 लाख 5 हजार, गोवा में 1 लाख 99 हजार, मध्यप्रदेश में 1 लाख 10 हजार, छत्तीसगढ़ में 80 हजार, कर्नाटक में 1 लाख 65 हजार, पश्चिम बंगाल में 81 हजार 800 रुपए, हिमाचल प्रदेश में 1 लाख 90 हजार, हरियाणा में 1 लाख 55 हजार है.

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