यश खरे,कटनी। शहर में एकबार फिर संवेनहीनता का मामला सामने आया है। जहां सड़क पर तड़प रहे व्यक्ति को किसी ने मदद करने की जहमत नहीं उठाई। लोगों को संवेदनाए मरती दिखी, ऐसे समय में समाज का सबसे कमजोर वर्ग और गरीब समझे जाने वाले रिक्शा चालक ने मानवीयता का परिचय दिया। उन्होंने न सिर्फ तड़प रहे व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया बल्कि उसका उपचार शुरू होते तक वहां मौजूद रहा। कहने का मतलब वे तड़प रहे व्यक्ति के लिए देवदूत बनकर आया। वहीं इस मामले में शहरवासियों के साथ-साथ पुलिस का अमानवीय चेहरा भी सामने आया है। हरबार की तरह मरीज को रिक्शा पर लादकर अपनी सरकारी जिम्मेदारी से और मानवीय मूल्य से पल्ला झाड़ लिया।

यह वीडियो कटनी जिला अस्पताल का है, जहां एक रिक्शा वाला सड़क पर तड़प रहे मरीज को लेकर पहुंचा था। यहां अस्पताल के बाहर किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। लिहाजा मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए रिक्शा सहित अस्पताल के भीतर चला गया। मरीज की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल स्टॉफ ने उसकी मदद की और उपचार शुरू किया। जिसने भी इस वीडियो को देखा रिक्शा चालक की तारीफ करने से नहीं चूके।

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बता दें कि सड़क पर घायल या तड़प रहे पीडि़तों को हॉस्पिटल ले जाने के लिए सरकार की अनेक योजनाएं संचालित हैं। कटनी शहर के हृदय स्थल माने जाने वाले सुभाष चौक पर तड़प रहे एक युवक को वहां तैनात पुलिस ने एक रिक्शे में लदवाकर हॉस्पिटल पहुंचाया। पुलिस ने 108, डायल 100 को बुलाने की जहमत नहीं उठाई। पीडि़त को माल ढोने वाले रिक्शे में लाद दिया। यह नजारा जिसने भी देखा वे हैरत में रह गए। रिक्शा चालक राजा निवासी माधवनगर ने उसे अस्पताल पहुंचाया।

यह है मामला
गंभीर हालत में जिला अस्पताल में ठेले में पहुंचा मरीज सुभाष चौक में बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ था। जिसे जिला अस्पताल पहुंचाने के लिए मरीज को ठेले में लाद दिया था। रिक्शा ठेले वाला जिला अस्पताल के बाहर बहुत देर तक वहां के स्टॉफ का इंतजार करता रहा। जब स्वास्थ्य विभाग का स्टॉफ रिक्शा तक नहीं पहुंचा तो परेशान चालक रिक्शा लेकर सीधे अस्पताल के भीतर पहुंच गया। इसके बाद मरीज पर अस्पताल स्टॅाफ की नजर पड़ी और उसका उपचार शुरू हुआ।

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