लखनऊ. कवि से नेता बने इमरान प्रतापगढ़ी की महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए उम्मीदवारी को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस में हड़कंप मच गया है. राज्य में पार्टी नेताओं ने उस योग्यता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है, जिसके आधार पर प्रतापगढ़ी को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है.

पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह 34 वर्षीय नेता 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और अब उन्हें राज्यसभा भेजा जा रहा है. पार्टी के लिए उनकी साख और सेवा संदिग्ध है. यह उनका सांप्रदायिक प्रचार था, जिसने हमें उन्नाव के बांगरमऊ में चुनाव हारने के लिए मजबूर किया. यदि पार्टी को मुस्लिम नेता को ही भेजना था, तो गुलाम नबी आजाद, सलमान खुर्शीद, राशिद अल्वी और यहां तक कि तारिक अल्वी जैसे कई दिग्गज हैं, जिन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता था.”

प्रदेश कांग्रेस के एक पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं है कि इमरान प्रतापगढ़ी कौन हैं. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि कौन ऐसे फैसले ले रहा है, जो पार्टी को और नीचे गिरा देगा. ऐसा लगता है कि नेतृत्व छद्म रूप से काम कर रहा है और यह पार्टी के लिए विनाश का कारण बनेगा.” एक अन्य नेता ने एक वीडियो क्लिप को लेकर भी प्रतापगढ़ी पर निशाना साधा, जिसमें इमरान प्रतापगढ़ी को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के गुण गाते हुए सुना जा सकता है.

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उन्होंने कहा, “यह कवि बिकाऊ है. वह अखिलेश यादव की प्रशंसा में गाते थे और 2016 में उन्हें यश भारती से पुरस्कृत किया गया था. ऐसा व्यक्ति अब उच्च सदन जाएगा.” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रस्तावित ‘चिंतन शिविर’ के लिए 1 जून को लखनऊ आने पर पार्टी नेता इस मुद्दे को उनके सामने उठाने की योजना बना रहे हैं.