रायपुर। 20 मई को मनाया जाने वाला राजीव गांधी सद्भावना दिवस की तारीख केन्द्र सरकार ने बदल दी है। लिहाजा इस साल देश भर में केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार सद्भावना दिवस 20 अगस्त की जगह 18 अगस्त को मनाई ली गई। यही नहीं राजीव गांधी सद्भावना दिवस से राजीव गांधी का नाम भी हट गया है।

अब से इसे लेकर सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस केन्द्र सरकार के इस रवैय्ये को लेकर नाराज हो गई है। कांग्रेस की  राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र और राज्य सरकारों पर दलीय दुर्भावना की संकीर्ण मानसिकता से काम करने का आरोप लगाया है। छाया वर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. राजीव गांधी के जन्मदिवस 20 अगस्त को प्रतिवर्ष पूरे देश में ‘‘राजीव गांधी सद्भावना दिवस’’ मनाया जाता है। इस दिन देश भर के सभी राज्य और केन्द्र सरकार के शासकीय और अर्धशासकीय कार्यालयों के कर्मचारियों को देश की एकता अखंडता और सद्भावना को बनाये रखने की शपथ दिलाई जाती है।

उन्होने आरोप लगाया है कि भाजपा की सरकार केन्द्र में आयी है तब से उन्होने 20 अगस्त के दिन ‘‘राजीव गांधी सद्भावना दिवस’’ से राजीव गांधी जी का नाम विलोपित कर सिर्फ ‘‘सद्भावना दिवस’’ करने का प्रयास किया। इस वर्ष तो हद हो गई. छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने 20 अगस्त के सद्भावना दिवस को 18 अगस्त को ही मनाने और शपथ दिलाने का परिपत्र जारी कर दिया. इसमें भी स्व. राजीव गांधी का नाम विलोपित कर दिया गया जो घोर आपत्तिजनक है। जब स्व. राजीव गांधी का जन्मदिन 20 अगस्त को है तो फिर 18 अगस्त को सद्भावना दिवस किसके नाम पर मनाया गया?

राज्यसभा सांसद छाया वर्मा के द्वारा राज्यसभा में सद्भावना दिवस से राजीव गांधी जी के नाम विलोपित किये जाने को जोर-शोर से उठाया था। जिसे राज्यसभा के सभी सदस्यों ने एकमत होकर सहमति जताई थी। उसके तुरंत बाद केन्द्र सरकार ने ये सर्कुलर जारी किया कि 20 अगस्त को राजीव गांधी सद्भावना दिवस मनाया जाये, लेकिन छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने इस वर्ष जारी अपने सर्कुलर में फिर से राजीव जी के नाम को विलोपित कर दिया है।