भोपाल। मध्य प्रदेश में सहारा की जमीन घोटाले को लेकर समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर कंपनी और बीजेपी विधायक संजय पाठक पर निशाना साधा। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने प्रेसवार्ता में बताया कि संजय पाठक ने प्रशासन के साथ साठ-गाठ कर सहारा की करोड़ों की जमीन को सस्ते दामों में लेकर बड़ा घोटाला किया है।

सहारा जमीन घोटाला का मामला: BJP MLA संजय पाठक की कंपनी पर गड़बड़ी के आरोप, EOW ने की FIR

साथ ही युवजन सभा प्रदेश अध्यक्ष कटनी निवासी इंजीनियर यदुवेंद्र यादव ने सपा को बेसहारा निवेशकों का सहारा बताया। उन्होंने कहा कि जब तक सहारा के निवेशकों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक इस आंदोलन को समाजवादी पार्टी उठाती रहेगी। उन्होंने इस मामले की जांच करने के लिए EOW को धन्यवाद भी किया।

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सपा ने कहा कि सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉपॉरेशन लिमिटेड (सहारा) ने आम जनता से राशि एकत्र कर देश के विभिन्न शहरों में सहारा सिटी बनाने के उद्देश्य से बडी संख्या में सहारा कंपनी द्वारा जमीनें खरीदी थी। इसके बाद सहारा कंपनी को आम निवेशकों की राशि ब्याज सहित वापस करने के लिए सेबी और सुप्रीम कोर्ट ने सहारा कंपनी को निर्देश जारी किए, जिसके अनुक्रम में साल 2014 में सहारा कंपनी के अधिवक्ता ने SC में एक मूल्याकंन रिपोर्ट प्रस्तुत कर उस समय देश के नौ शहरों की अपनी संपत्तियों को बेचने की न्यायालय से अनुमति मांगी। जिससे सहारा कंपनी संपतियों को विक्रय कर उससे मिलने वाली राशि से आम निवेशकों का पैसा वापस कर सके। सहारा कंपनी ने साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत सूची में सहारा कंपनी की भोपाल के मक्सी स्थित 110 एकड़ जमीन की कीमत 125 करोड रूपये बताई थी।

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डॉ. मनोज यादव ने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा के आम निवेशकों के हितों को दृष्टिंगत रखते हुए पारित आदेश का संजय पाठक जैसे लोगों ने अपने निजी लाभ के लिये उपयोग करना शुरू कर दिया। जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि भोपाल के मक्सी में स्थित सहारा की लगभग 110 एकड़ जमीन जिसकी कीमत खुद संहारा कंपनी ने साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट के सामने 125 करोड़ रूपए लिखित में बताई थी। भोपाल की वही 110 एकड़ जमीन को सहारा के भ्रष्ट अधिकारियों ने संजय पाठक से मिलीभगत कर अवैध लाभ लेकर साल 2022 में मात्र लगभग 48 करोड रूपये में बेच दिया गया।

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सपा ने कहा, सहारा की भोपाल स्थित 110 एकड़ जमीन के विक्रय के संबंध में यहां इस बात का उल्लेख करना आवश्यक है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बावजूद भी क्रेता कंपनी मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड ने उक्त राशि सीधे सेबी-सहारा रिफंड बैंक अकाउंट में जमा नहीं की। भोपाल की जमीन के संबंध में महत्वपूर्ण प्रश्न यह भी है कि जब सुप्रीम कोर्ट से स्पष्ट आदेश दिए गए थे कि बिक्री मूल्य जमा करने पर ही संपति के स्वामित्व विलेख सेबी द्वारा क्रेताओं के पक्ष में जारी किए जायेंगे तो भोपाल की जमीन के स्वामित्व विलेख संजय पाठक के परिवार की कंपनी मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को कैसे जारी कर दिये गये? अगर जारी नहीं किए गए हैं तो भोपाल की सहारा कंपनी की जमीन का नामान्तरण कैसे संजय पाठक के परिवार की कंपनी मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हो गया?

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 इसी प्रकार सहारा की जबलपुर जिले की लगभग 100 एकड जमीन वर्ष 2023 में मात्र लगभग 20 करोड रुपये में संजय पाठक के परिवार की कंपनी मेसर्स नायसा देवाबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्रय की गई जिसकी कीमत वर्ष 2023 में भी लगभग 200 करोड रुपये थी।

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 वहीं सहारा की कटनी जिले की लगभग 100 एक जमीन साल 2023 में मात्र 22 करोड रुपए में संजय पाठक के परिवार की कंपनी नायशा देवबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा खरीद ली गई। जिसकी कीमत साल 2023 में भी लगभग 200 करोड रुपये थी । जिसका कटनी कलेक्टर ने आज तक क्रेता कंपनी के नाम पर राजस्व अभिलेखों में नामांतरण नहीं किया है। क्योंकि कटनी की सहारा की जमीन के खसरों के कॉलम नंबर 12 कैफियत में पूर्व कलेक्टर कटनी केपत्र क्रमांक /235/ रीडर कले /2021 द्वारा विक्रय से प्रतिबंधित किया गया था।

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विचारणीय प्रश्न ये है कि सहारा कंपनी के अधिकारियों ने उक्त जमीनों को अवैध लाभ लेकर चोरी छिपे मात्र 90 करोड़ रूपयों में संजय पाठक के परिवार की कंपनियों को विक्रय कर दिया गया है जबकि सहारा ‘कपनी की उक्त जमीनों को यदि नीलामी के माध्यम से विक्रय किया गया होता तो उक्त जमीनों की वास्तविक कीमत जो लगभग 1000 करोड़ रूपये है प्रकरण कपंनी को प्राप्त होती और आम निवेशकों को 1000 करोड रुपए वापस प्राप्त होते।

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प्रेसवार्ता में कहा गया, गृहमंत्री अमित शाह ने एक अच्छी पहल की थी कि सहारा कंपनी में जमा आम निवेशकों का पैसा उनको वापस मिल सके और यहां उन्हीं की पार्टी के विधायक संजय पाठक ने अमित शाह की मंशा पर पानी फेर दिया। पत्रकार बधुओं से आग्रह है कि यदि उन्हें भोपाल में कहीं 45 लाख रूपये प्रति एकड जमीन मिल जाये तो आम लोग भी ले सके, जिस तरीके से 45 लाख रूपये प्रति एकड़ की दर से भाजपा विधायक संजय पाठक ने सहारा की भोपाल रिथित बेशकीमती 110 एकड़ जमीन हथिया ली है।

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सपा ने आगे कहा कि भाजपा विधायक संजय पाठक दिखावे के लिये अपने आप को बड़ा मासूम बताते हैं तो उन्होंने जनप्रतिनिधि होने के नाते सहारा की जमीन माटी मोल खरीदने के स्थान पर इस संबध में देश के प्रधानमंत्री /गृहमंत्री/ सेबी को पत्र क्यों नहीं लिखा कि सहारा की बेशकीमती जमीनें कौडियों के दाम बिक रही हैं इन जमीनों को नीलामी के जरिये बेचा जाये ताकि जमीनों के अधिक से अधिक दाम मिल सके और सहारा के आम निवेशकों को अधिक से अधिक पैसा वापस मिल सके।

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समाजवादी पार्टी ने EOW के अधिकारियों का धन्यवाद किया, जिन्होंने तुरन्त कार्यवाही कर जांच शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “EOW के अधिकारियों से उम्मीद है कि सहारा जमीन घोटाले की जांच को जल्द से जल्द पूरा कर इन जमीनों की सभी रजिस्ट्रियों को निरस्त करवाने के लिए  जरुरी वैद्यानिक कार्यवाही कराकर निवेशकों के हित में काम करेंगे। इन जमीनों को कोर्ट की गाइड लाइन के तहत नीलामी के माध्यम से बेचा जाना चाहिए।”

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