ललित सिंह ठाकुर, राजनांदगांव। शहर में आयोजित एक धर्म सभा को संबोधित करने उत्तराखंड ज्योतिष पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी राजनांदगांव पहुंचे. इस दौरान उन्होंने शहर के कुछ श्रद्धालुओं के यहां अपना पदार्पण कर उन्हें आशीर्वाद दिया. इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पत्रकारों के कई सवालों का जवाब दिया.

ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज राजनांदगांव के महेश्वरी भवन में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करने राजनांदगांव पहुंचे हुए हैं. इस दौरान उन्होंने पूर्व सांसद मधुसूदन यादव के निवास स्थान सहित कुछ अन्य श्रद्धालुओं के यहां अपना पदार्पण कर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया. इसके बाद वे शहर के उदयाचल भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने पत्रकारों के कई सवालों के जवाब दिया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने हिंदू और सनातन धर्म के फर्क को लेकर कहा कि वेद शास्त्र का जो आदेश है. अगर वह आपके जीवन में नहीं है तो फिर आप खुद को हिंदू कहिए या सनातनी दोनों बेकार है. वहीं उन्होंने हिंदू राष्ट्र के मुद्दे को लेकर कहा कि देश में धर्मनिरपेक्ष राज्य से अगर हमें असंतोष मिल रहा है तो हमें राम राज्य के बारे में सोचना चाहिए और हिंदू राज्य के बारे में नहीं सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिंदू राज्य तो कंस और रावण के समय में भी था लेकिन जनता उनसे खुश नहीं थी. उन्होंने कहा कि जनता तो राम राज्य से खुश थी.

महाभारत और रामायण के समय की राजनीति नहीं रही – शंकराचार्य

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने राजनीति में धर्म की राजनीति किए जाने के सवाल पर कहा कि आज की जो राजनीति है वह महाभारत और रामायण के समय की राजनीति नहीं है. आज की जो राजनीति है उसमें कैसे भी करके सत्ता को प्राप्त करना उद्देश्य है. स्वामी शंकराचार्य ने कहा कि यह गोलबंदी की राजनीति है जो हमारे गोल में आएगा, वह अच्छा है और जो हमारे साथ नहीं है वह विरोधी है. चाहे वह कितना भी गुणी क्यों ना हो, इस राजनीति को धर्म के साथ जोड़ना ठीक नहीं है. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि धर्म के लोग धर्म की बात करें और राजनीति के लोग राजनीति की बात करें.

वहीं देश में अलग-अलग बाबाओं के दिखाए जा रहे चमत्कारों को लेकर स्वामी शंकराचार्य जी ने कहा कि ऐसा कोई चमत्कार हमने शास्त्रों में नहीं पढ़ा है और ना ही अनुभव किया है. इन चमत्कारों से हमें क्या लाभ होता है, ऐसे चमत्कारों से किसी का कल्याण नहीं होता है. चमत्कारों के चक्कर में पड़कर हमें अपना समय नहीं गंवाना चाहिए.

राजनीतिक कारणों से हो रहा धर्म परिवर्तन – शंकराचार्य

देश में तेजी से बढ़ते धर्मांतरण के मामले को लेकर शंकराचार्य स्वामी जी ने कहा कि धर्म परिवर्तन राजनीतिक कारणों से हो रहा है. ईसाई और मुस्लिम यह नीति पर चल रहे हैं कि पूरे विश्व में अपना राज्य स्थापित कर ले. वहीं उन्होंने कहा कि धर्मांतरण होने का राजनीतिक लोग ज्यादा विरोध कर रहे हैं और धार्मिक लोग कम विरोध कर रहे हैं. क्योंकि उनको राजनीति करके बहु संख्याकों को अपनी ओर आकर्षित करना है ताकि वह हमें वोट दें. उन्होंने कहा कि राजनीति जब तक रहेगी, यह सब होता रहेगा.

वहीं उन्होंने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि आज पूरे देश में हिंदू एक हो गए हैं, तो उन्हें दिक्कत हो रही है. एक पार्टी हिंदू हो गई है तो सब वोट एक पार्टी को चला जाएगा इसलिए हिंदुओं में फाड़ की सोच रखी जा रही है. शंकराचार्य ने कहा कि आप लोगों के माध्यम से हमने भारत के चुनाव आयोग से पहले ही मांग कर चुके हैं कि ऐसी पार्टी और ऐसे नेता को सदा-सदा के लिए चुनाव लड़ने से रोक देना चाहिए. जो समाज में फूट डालने का काम कर भारत के लोगों को भारत के लोगों के ही खिलाफ खड़े करने का काम कर रहे हैं. अपने एक पूर्व में दिए गए बयान “मुस्लिमों को पाकिस्तान चला जाना चाहिए” जिसे लेकर आज जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने कहा कि आजादी के दौरान मुस्लिमों ने कहा था कि हम भारत में हिंदुओं के साथ नहीं रहना चाहते. इसलिए भारत का बंटवारा हुआ और जब बंटवारा हो गए हैं तो मुस्लिमों को पाकिस्तान चला जाना चाहिए, नहीं है तो बंटवारा निरस्त करना चाहिए.

सनातन धर्म कभी भी संकट में नहीं रहा- शंकराचार्य

सनातन धर्म के खतरे के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि सनातन धर्म कभी भी संकट में नहीं रहा है. हम धर्म का पालन करना छोड़ देंगे तो धर्म संकट में आ सकता है. इसके साथ ही आधुनिक क्रांति में मीडिया की भूमिका को लेकर उन्होंने कहा कि जो तकनीक है. इसका बहुत बड़ा भाग पर ऐसे शक्तियों का कब्जा है जो बहुत कुछ ऐसा दिखा रहे हैं कि हमारी बात छोटी हो जाए.

राजनांदगांव शहर के महेश्वरी भवन में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करने पहुंचे जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती धर्म सभा के माध्यम से लोगों को अपने धर्म के पालन के प्रति जागरूक करेंगे. इस दौरान उनके राजनांदगांव पहुंचने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उनका शहर में जगह-जगह स्वागत किया.

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