Sankata Nashan Ganesha Stotra : भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों और आरती की जाती है. लेकिन अगर आप अपने जीवन से कलह और संकटों को दूर करना चाहते हैं तो आने वाली गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव के 10 दिनों तक आपके पास एक अच्छा मौका है.
चतुर्थी को भगवान गणेश के इस सिद्ध स्त्रोत संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ अवश्य करें.
संकटनाशन स्तोत्र (Sankata Nashan Ganesha Stotra)
- प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम.
- भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये..1..
- प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम.
- तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम..2..
- लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च.
- सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ..3..
- नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम.
- एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम..4..
- द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:.
- न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो..5..
- विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्.
- पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ..6..
- जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्.
- संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ..7..
- अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत.
- तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:..8..
- ..इति संकटनाशनस्तोत्रं संपूर्णम्..
स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने वाला भगवान गणेश का शक्तिशाली स्त्रोत सभी समस्याओं को दूर कर सकता है. भगवान गणेश की पूजा के बाद उनकी स्तुति करते हुए इसका पाठ अवश्य करना चाहिए. इसका नियमित पाठ करने से भगवान गणेश आप पर विशेष कृपा करते हैं. इस स्त्रोत के अलावा भगवान गणेशजी की आरती करना और मोदक का भोग लगाना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है.
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