Saphala Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में सफलता एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि जो लोग इस दिन श्रद्धा और नियम के साथ व्रत करते हैं उसके रुके हुए काम पूरे होने लगते हैं और जीवन में बनी रुकावटे खत्म होती हैं. साथ ही स्नान, दान और भक्ति-माव से की गई उपासना का इस तिथि पर विशेष फल प्रास होता है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से जातक को हर एक क्षेत्र में सफलता हासिल होती है. यज्ञ के फल के समान पुण्य प्राप्त होता है…

 बता दें कि इस साल Saphala Ekadashi 2025 की तिथि दो दिन होने के कारण लोग कंफ्यूज है कि किस दिन एकादशी का व्रत रखना शुभ माना जाएगा. इस तिथि पर व्रत रखने और विष्णु जी की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट और पाप कटते हैं. भाग्योदय होता है और मोक्ष का रास्ता खुलता है. एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के प्रिय भोग अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन की बाधाओं का नाश होता है. साथ ही एकादशी तिथि पर कुछ शक्तिशाली मंत्र का जाप करना भी अति शुभ होता है. इससे जीवन में सकारात्मकता आती है.

Saphala Ekadashi 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

द्विक पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी 14 दिसंबर, रविवार के दिन शाम को 6 बजकर 50 मिनट पर आरंभ हो रही है, जो 15 दिसंबर को रात 9 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदय तिथि के हिसाब से सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर, सोमवार को रख जाएगा.

सफला एकादशी 2025 पूजा विधि

Saphala एकादशी के व्रत के लिए दो-तीन दिन पहले से तैयारी शुरू कर दी जाती है. भोजन हल्का और सात्विक रखने की सलाह दी जाती है ताकि शरीर और मन दोनों व्रत के लिए सहन हो सकें. न लोग मांस का सेवन करते हैं उनके लिए इसे कुछ दिन पहले ही त्यागना जरूरी बताया गया है क्योंकि मान्यता है कि मांसाहार की उपस्थिति सफला एकादशी के शुभ फल को कम कर देती है. व्रत वाले दिन सुबह ब्रम्ह मुहूर्त में जागना, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनना और घर के मंदिर की सफाई करना जरूरी माना गया है. सूर्यदेव को तांबे के लोटी से अर्घ्य देकर दिन की शुभ शुरुआत की जाती है क्योंकि सूर्य को अर्थ देने से कार्यों में सकारात्मकता प्राप्त होती है.

सफला एकादशी का धार्मिक महत्व

Saphala शब्द का अर्थ समृद्धि होता है. इसलिए यह एकादशी विशेष रूप से उन लोगों के लिए सबसे लाभकारी मानी जाती है ने जीवन में प्रगति, सफलता और भरपूर संपन्नता पाना चाहते हैं. इसे सौभाग्य और सिद्धि प्रदान करने वाली तिथि कहा गया है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान कृष्ण की भी विधिवत पूजा करने का विधान है जिससे व्रतकर्ता की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. सफला एकदाशों के दिन भगवान विष्णु को विधिवत पूना और व्रत करने से व्यक्ति को जैवन के सभी क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.

सफला एकादशी पर करें ये खास उपाय

अच्छे स्वास्थ्य के लिए, सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते समय उन्हें पीले रंग के फूल अर्पित करें. इसके साथ ही 108 बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें. ऐसा करने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर हो सकती है.

व्यापार के क्षेत्र में लाभ के लिए सफला एकादशी के दिन विष्णु जी के साथ में लक्ष्मी की पूजा करें. विष्णु जी को पीले और मां लक्ष्मी की लाल रंग के वस्त्र समर्पित करें. ऐसा करने से व्यापार में दिन दोगुनी और रात चौगुनी सफलता हासिल होती है.

इसके अलावा घर में सुखहाली, सुख-समृद्धि के लिए सफला एकादशी पर विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करने के साथ 9 मुखी दीपक प्रज्वलित करें. इसके बाद सहस्त्रनाम का पाठ करें. ऐसा करने से समस्त, रोग और नकारात्मक ऊर्ज दूर होती है तथा घर में शांति बनी रहती है.

शीघ्र विवाह के लिए (Saphala Ekadashi 2025)

अगर आपके विवाह में किसी न किसी तरह की बाधाएं आ रही हों, तो सफला एकादशी के दिन एक लोटे में हल्दी मिला हुआ जल लेकर केले की जड़ में अर्पित करें. इससे विवाह में आ रही रूकावटें दूर होती हैं. इसके साथ ही कुंडली में गुरु बृहस्पति की स्थिति मजबूत होगी.

धन प्राप्ति के लिए

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु का अभिषेक अवश्य करें. जल से अभिषेक करते समय दक्षिणावर्ती शंख का उपयोग करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इसके अलावा शाम को तुलसी के पौधे के पास भी का दीपक जलाएं.

भगवान विष्णु को खूब भाते हैं ये भोग

सफला एकादशी पर विष्णु जी को उनका प्रिय भौग पचामृत अर्पित करें. भगवान प्रसन्न होंगे और घर पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे.

एकादशी पर विष्णुजी को पंजीरी का भोग चढ़ाना अति शुभ होता है. धनिया और सूखे मेवों की बनी पंजीरी का भोग भगवान को अति प्रिय है. ऐसे भोग को पाकर भगवान भक्त के घर को धन-धान्य से भर देते हैं. कर्ज से लेकर रोग, दोष को दूर करते है.

सफला एकादशी पर शाम के समय भगवान को गुड और चने का भोग विष्णु जी को अर्पित करें. शीघ्र विवाह होता है, व्यापार में मुनाफा, कर्ज से मुक्ति होती है.

सफला एकादशी पर विष्णु जी को पीली बर्फी का भोग चढाए. इससे भगवान प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगे. सफला एकादशी पर विष्णु जी को उनके प्रिय बेसन के लड्डू का भोग भी अर्पित कर सकते हैं. यह भोग पाकर भगवान कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति को मजबूत करेंगे.

नोट- भगवान विष्णु जी को जो भी भोग अर्पित करें उसमें तुलसीदल या तुलसी का पत्ता जरूर अर्पित करें. इसके लिए एक दिन पहले ही पहले को तोडकर रख ले.

एकादशी व्रत पर करें इन मंत्रों का जाप

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय विष्णु गायत्री मंत्र का करें जाप ॐ करायणाय विग्रहे वासुदेवाय धीमहि तन्नों विष्णुः प्रचोदयात् ॥ लक्ष्मी-नारायण मंत्र का करें जाप ॐ श्री लक्ष्मीनारायणाभ्या नमः विष्णु सहस्रनाम मंत्र का करें जाप पूर्ण सहस्रनाम का पाठ करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है. यह मंत्र भी बहुत शक्तिशाली है-ॐ विष्णवे नमः