पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद. धान घोटाले के आरोपी सरपंच को जमानत मिल गई है. जिसके बाद यह सरपंच जेल से छूटते ही अपने पंचायत कार्यालय पहुंच गया. जहां उसने अपने कमरे की चाबी मांगते हुए कुर्सी पर बैठने की कोशिश की, लेकिन पंचायत कार्यालय में मौजूद सचिव ने सरपंच को न तो कमरे की चाबी दी और न ही सरपंच को कुर्सी पर बैठने दिया. इस सरपंच पर साल 2014 में उरमाल सोसाइटी के अतर्गत धान खरीदी में हुए सवा 4 करोड़ के घोटाले में शामिल होने का आरोप है.

धान घोटाले के मामले में था 9 महीने से जेल में बंद

धान घोटाले के आरोप में गाड़ाघाट सरपंच डिलेश्वर नागेश को 9 माह पहले पुलिस ने धोखाधड़ी, कूटरचना समेत अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार कर विधिवत जेल भेज दिया था. आईपीसी की धारा लगने के बाद पंचायत अधिनियम के तहत एसडीएम ने सरपंच पद से डिलेश्वर को निलंबित भी कर दिया था. शुक्रवार को कोर्ट से जमानत मिलने पर डिलेश्वर जेल से पैरोल पर बाहर आया.

गाजे बाजे के साथ निकाली रैली लेकिन नहीं बैठ सका कुर्सी पर

आज करीबन 100 समर्थक गलियों में अतिशबाजी, देशी बाजे के धुन में थिरकते व रंग गुलाल खेलते हुए पूर्व सरपंच डिलेश्वर को पंचायत भवन प्रवेश कराया. पंचायत सचिव देवानन्द बीसी ने बताया कि निलंबन की कार्यवाही से अंजान पंचायत पहुंची भीड़ डिलेश्वर को सरपंच कुर्सी पर बैठाना चाह रही थी. शील मुहर व पंचायत भवन की चाबी डिलेश्वर के हवाले करने का दबाव बना रहे थे. विरोध पर अड़े सचिव ने नियम से अवगत कराया तो भीड़ छटने लगी.

सीईओ से की सरपंच का प्रभार देने की मांग

इसी बीच सचिव ने सीईओ विनय अग्रवाल को भी घटनाक्रम से अवगत करा दिया. बाद में स्वयं डिलेश्वर कुछ लोगों के सीईओ के पास पहुंचा और आवदेन सौंपते हुए सरपंच का प्रभार स्वयं को दिलाने की मांग करने लगा.

सरपंच को नियम से अवगत करा दिया गया है: एसडीएम

सीईओ अग्रवाल ने बताया कि मांग पत्र देने पहुंचे सरपंच को नियम से अवगत करा दिया गया है. पंचायत मामलों में विहित अधिकारी एसडीएम होते हैं. इस पर सुनवाई का अधिकार एसडीएम को है.

सवा 4 करोड़ के धान घोटाले में था सरपंच शामिल

धान खरीदी योजना 2013-14 में उरमाल सहकारी समिति में सवा 4 करोड़ की गड़बड़ी की गई थी. जांच शुरु हुई तो समिति में भृत्य पद पर कार्यरत डिलेश्वर ने 1900 बोरा धान की हेराफेरी करना स्वीकार किया था. समिति को सौपे हलफनामे में डिलेश्वर ने शॉर्टेज बता रहे 760 क्विंटल यानी 10 लाख 26 हजार रुपए की भरपाई करना स्विकार किया था.

नौकरी छोड़कर जीता चुनाव और बन गया सरपंच

जांच पूरी हुई तो मामले में 5 लोगों को धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत जेल भेज दिया गया था. मामले की जांच दो साल में पूरी की गई, इसी बीच डिलेश्वर 2014 के पंचायत चुनाव में सरपंच के लिये नामांकन दाखिल की और चुनावा जीतकर सरपंच बन गया.