रायपुर- ऐन चुनाव के वक्त कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है. सतनाम समाज के प्रमुख गुरू बालदास ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस प्रवेश कर लिया है. अनुसूचित जाति वर्ग के प्रभाव वाली सीटों पर गुरू बालदास की अच्छी पैठ मानी जाती है. इससे माना जा रहा है कि चुनाव में कांग्रेस को बड़ा फायदा मिल सकता है.

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में ऐन चुनाव के वक्त गुरू बालदास ने सतनाम सेना नाम की पार्टी का गठन किया था और दस अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. माना जाता है कि इससे कांग्रेस को इन सीटों पर बेहद नुकसान उठाना पड़ा था. त्रिकोणीय हालात के बीच बीजेपी का फायदा मिला था. बीजेपी ने दस में से नौ सीटों पर जीत दर्ज की थी.

जून 2017 में गुरू बालदास ने छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बालदास का बीजेपी प्रवेश हो सकता है. हालांकि बाद में समीकरण ऐसे नहीं बन सके. अब गुरू बालदास को कांग्रेस प्रवेश कराकर संगठन ने बीजेपी के सामने चुनौती खड़ी कर दी है.

इधर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया ने कहा कि-

आज हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि हमारे परिवार में गुरू बालदास शामिल हुए हैं. गुरू रूद्र कुमार और गुरू बालदास में आपसी सहमति हुई है कि हम भाजपा को हराने के लिए हम एकजुट होकर साथ रहेंगे. इस उद्देश्य के साथ ही समाज के दोनों गुरू अब एक साथ हैं.

इधर कांग्रेस प्रवेश में होने के बाद गुरू बालदास ने कहा कि –

आज खुशी की बात है कि कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में मैं यहां हूं. आप सभी को आश्चर्य हुआ होगा कि मैं कांग्रेस में आखिर कैसे शामिल हो रहा हूं. मैं आपको बता दूं कि बीच में मैंने बीजेपी को सपोर्ट किया था, लेकिन बीजेपी की ओर से सतनामी समाज को कोई सहयोग नहीं मिला. समाज को बांटने का काम बीजेपी ने किया है. समाज के लोगों को सम्मान नहीं दिया गया. समाज के लोगों पर अत्याचार, अन्याय हुआ. इससे मैं बेहद दुखी हूं. मैं यह समझता हूं कि कांग्रेस शासन काल में भाईचारा और एकता है. इसलिए ही मैंने आज अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थामा है.