मध्यप्रदेश में शनिवार कर्मचारियों के लिए आक्रोश का दिन है। कर्मचारियों ने सरकार और प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में जहां अस्पताल के कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर उतर गए हैं वहीं संविदा कमर्चारियों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है। इधर आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष का आमरण अनशन सरकार के प्रतिनिधि ने खत्म करवा दिया है।

अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जवाहर कैंसर हॉस्पिटल में कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बड़ी संख्या में कर्मचारी काम बंद कर विरोध प्रदर्शन पर उतर गए हैं। आक्रोशित कर्मचारी हॉस्पिटल के एमडी को बर्खास्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। हॉस्पिटल कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाया है। कहा कि एमडी कर्मचारियों के साथ बदतमीजी करता है। कैबिन में बुलाकर बिना वजह फटकार लगाता है। रोजाना हमें परेशान किया जाता है, कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार करना आम बात हो गई है। एचआर (HR) और सीईओ (CEO) अपनी मनमानी पर उतर गए हैं। जब तक टर्मिनेशन लेटर वापस नहीं होगा तब तक काम पर नहीं लौटने की मांग पर अड़े हुए है।

मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ: 2 अक्टूबर गांधी जयंती के पहले बापू के सत्याग्रह की राह पर प्रदेश के संविदा कर्मचारी चल पड़े है। संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बैनरतले आज संविदा कर्मचारियों ने सत्याग्रह कर दांडी यात्रा यात्रा निकाली और आज से चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है। नियमितीकरण सहित वेतन बढाने की मांग करते हुए संविदा कर्मचारियों ने राज्य शिक्षा केन्द्र की परिक्रमा कर सत्याग्रह किया। सत्याग्रह में प्रतीकात्मक रूप से गांधी जी भी प्रदर्शनकारियों के साथ से थे। कहा जब तक मांग पूरी नहीं होती चरणबद्ध प्रदर्शन करते रहेंगे। कम मानदेय को लेकर भी कर्मचारी आक्रोशित है। करीब 26 साल से कई कर्मचारी संविदा नियुक्ति पर ही काम कर रहे हैं। कई संविदा कर्मचारी अब रिटायरमेंट की कगार पर है। खुद के साथ हुए अन्याय को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। संविदा कर्मचारी सरकार को कई बार ज्ञापन सौंप चुके है।

आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष का आमरण अनशन समाप्त हो गया है। सरकार के प्रतिनिधि ने जूस पिलाकर प्रांताध्यक्ष भरत पटेल का अनशन तुड़वाया है। इस दौरान विभिन्न मांगों और समस्याओं के निराकरण के लिए प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया है।

बता दें कि भरत पटेल 5 दिन से आमरण अनशन कर रहे थे। वहीं 19 दिनों से पूरे प्रदेश भर में शिक्षक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई शिक्षकों को निलंबन नोटिस भी जारी हुआ है। शिक्षक लंबे समय से अपनी माँगो को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। पिछली रैली के दौरान भोपाल के बाहर ही शिक्षकों को रोका गया था। तभी से शिक्षक संघ ने उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। प्रांताध्यक्ष भरत पटेल निलंबन के बाद आमरण अनशन पर बैठे थे।

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