दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में कहा कि शादी का झांसा देकर किसी महिला के साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार जैसा है क्योंकि यह महिला के सम्मान पर गहरा आघात है। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और एमआर शाह ने अपने हालिया फैसले में माना कि बलात्कार किसी महिला के सम्मान पर गहरा आघात है।

अदालत ने माना कि ऐसी घटनाएं आज के आधुनिक समाज में काफी तेजी से बढ़ रही हैं। अदालत ने कहा, “ऐसी घटनाएं किसी महिला के आत्मसम्मान और उसकी गरिमा पर गहरा आघात हैं।”

अदालत का यह फैसला एक महिला द्वारा छत्तीसगढ़ स्थित एक डॉक्टर पर 2013 में उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाने से जुड़े मामले पर आया है। महिला कोनी (बिलासपुर) की निवासी है और 2009 से डॉक्टर से परिचित थी। इन दोनों के बीच प्रेम सम्बंध था।

आरोपी ने महिला को शादी करने का झांसा दिया था और डॉक्टर द्वारा किए गए इस वादे के बारे में दोनों पक्षों के परिवार अच्छी तरह जानते थे। आरोपी की बाद में एक अन्य महिला के साथ सगाई हो गई, लेकिन उसने पीड़िता के साथ प्रेम संबंध खत्म नहीं किया। उसने बाद में अपना वादा तोड़ दिया और किसी अन्य महिला के साथ शादी कर ली।