दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर फ्रांस के साथ हुए सौदे की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। राफेल सौदे को लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ पिछले कई महीनों से मोर्चा खोल रखा है। इस लिहाज से सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला काफी अहम साबित होगा।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ की पीठ शुक्रवार को राफेल सौदे पर अपना फैसला सुनाएगी। पीठ अगर अदालत की निगरानी में इस सौदे की जांच कराने का आदेश देती है तो मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका होगा।

आरोप लगाया गया था कि यह सौदा एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया और सौदे में तय प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया। अब देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या होगा।

अगर सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह का कोई आदेश पारित किया तो आगामी लोकसभा चुनाव मोदी सरकार के लिए भारी पड़ सकता है। वहीं अगर सुप्रीम कोर्ट याचिकाओं को खारिज करती है तो एनडीए सरकार के लिए बेहद राहत की बात होगी।