शैलेंद्र पाठक, बिलासपुर। हाईकोर्ट के एक आदेश ने उस अधिकारी को ज़मीन पर ला दिया, जो बार-बार कोर्ट के आदेश की नाफरमानी कर रहा था. हम बात कर रहे हैं बिलासपुर के एसडीएम आलोक पांडेय की. वही आलोक पांडेय जिसके खिलाफ हाईकोर्ट ने गुरुवार गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया था.
जैसे ही आलोक पांडेय को गिरफ्तारी की सूचना मिली. उनके हाथ पैर कांपने लगे, उनकी जान हलक में अटक गई. आलोक पांडेय ने तत्काल अपने बड़े अधिकारियों से बात की. वकीलों से सलाह ली. सबने हाईकोर्ट के आदेश के सामने हाथ खड़े कर दिए तब किसी जानकार ने आलोक पांडेय को हाईकोर्ट में जाकर माफी मांगने की सलाह दी.
आलोक पांडेय ने फौरन यही किया. व्यक्तिगत रुप से हाईकोर्ट में हाज़िर हुए. माफी मांगी. कोर्ट में एसडीएम ने बताया कि ये मामला उसके क्षेत्र का नहीं बल्कि कोटा एसडीएम का है. इसे देखते हुए कोर्ट ने कोटा के एसडीएम को व्यक्तिगत रुप से तलब किया. कोर्ट ने उनके रवैये में आए बदलाव को देखते हुए नरमी बरती और गिरफ्तारी वारंट को शिथिल कर दिया. कोर्ट के आदेश के बाद आलोक पांडेय की जान में जान आई.
गौरतलब है कि राजस्व के एक मामले में उनके खिलाफ याचिका लगी है. जिस पर कोर्ट ने दो बार उन्हें तलब किया था लेकिन इसके बाद भी उन्होंने कोर्ट में हाज़िर होकर अपना पक्ष नहीं रखा तो कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया था.