कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। बोरवेल खुला छोड़ा तो खतरे में मोड़ी मोड़ा… देसी अंदाज में यह पाठ एक पुलिस अधिकारी संतोष पटेल (SDOP Santosh Patel) ने ग्रामीणों को खुला बोरबेल (Borewell) देखने पर पढ़ाया है. साथ ही पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर खुला बोरबेल बंद भी किया. जिसके बाद पुलिस अधिकारी ने गांव में टॉफी बांटी और सभी से वादा लिया कि जहां भी खुला बोरबेल दिखाई देगा वह उसे बंद करेंगे.

दरअसल विदिशा बोरबेल हादसे के बाद प्रशासन की ओर से सभी बंद पड़े खुले बोरबेल को बंद करने के निर्देश जारी किये है. इसी दौरान घाटीगांव SDOP संतोष पटेल आरोन थाना क्षेत्र में दुष्कर्म के आरोपियों की तलाश के लिए गए थे, तभी वहां उन्होंने एक घर के पास खुला बोरबेल देखा.

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खेत मालिक को बुलाकर उनको समझाया कि लाख रुपये में कराया गया यह बोर किसी अपने की जिंदगी छीन सकता है. समझाइस के बाद यह भी बताया कि बोरबेल करवाने में लाख रुपये खर्च हुए हो, लेकिन यह बंद फ्री में हो जाता है. जिसे सुनते ही सभी ग्रामीण और पुलिस ने मिलकर फ्री में बोर बेल को पत्थरों और पटिया डाल कर मौके पर ही बंद किया.

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SDOP संतोष पटेल की बात सुनकर आदिवासी बस्ती की माताओं बहनों ने भी पत्थर के माध्यम से खुले बोर बेल को बन्द करवाने में अपना सहयोग दिया. पुलिस की इस पहल पर जमकर तालियां भी बजाई. SDOP ने भी सबको देसी अंदाज में संदेश दिया कि बोर बेल खुला छोड़ा, खतरे में मोड़ी मोड़ा. जिसे सभी ग्रामीण दोहराते और अपनाते नजर आए.

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गौरतलब है कि खुले हुए बोरवेल सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में ही मिलते हैं. यही वजह है कि शासन प्रशासन का सबसे ज्यादा फोकस भी ग्रामीण क्षेत्रों में ही है. लिहाजा पुलिस अधिकारी एसडीओपी संतोष कुमार पटेल की यह पहल लोगों के जीवन को सुरक्षित करते हुए काफी सराहनीय है.

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