कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। शासन के निर्देश पर वन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों की गणना की जा रही है। इसी कड़ी में आज वन विभाग को सर्चिंग के दौरान एक घायल मादा तेंदुआ मिली। इस वयस्क मादा तेंदुए के पैर में गंभीर चोट थी जो ट्रेप फंदे से आई थी। सीधे तौर पर वह शिकारियों की ओर इशारा कर रही थी। वन विभाग की सर्चिंग टीम ने सूचना दी थी कि सातऊ के जंगल में छोड़ा वन चौकी के अंतर्गत घायल तेंदुआ मिला है। जिसके चलते गांधी प्राणी उद्यान चिडिय़ाघर के डॉक्टर और वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंच मादा तेंदुए को ट्रेंकुलाइज किया और उसे जंगल से चिडिय़ाघर ग्वालियर लाया गया। जहां चिडिय़ाघर के चिकित्सकों द्वारा उसका इलाज शुरू किया गया।

डॉ उपेंद्र यादव पशु चिकित्सक गांधी प्राणी उद्यान ग्वालियर की मानें तो मादा तेंदुए के पैर में जो चोट आई है वह शिकारियों द्वारा अमूमन लगाए जाने वाले लोहे की जाल से बने ट्रेप फंदे से आई है। ऐसे में घायल मादा तेंदुए का इलाज शुरू किया गया। उम्मीद है कि आने वाले 4 से 5 दिनों में वह पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगी। जिसके बाद उसे परीक्षण के आधार पर जंगल में एक बार फिर छोड़ दिया जाएगा।

वहीं इस मामले पर रेंजर एचडी शर्मा का कहना है कि विभाग कभी भी किसी जानवर की मूल लोकेशन को सार्वजनिक नहीं करता है। क्योंकि ऐसा करने पर शिकारी एक्टिव हो जाते हैं। लिहाजा इस मामले में वन विभाग की टीम विभागीय स्तर पर इसकी जांच करेगी और दोषियों तक पहुंचने का भी प्रयास किया जाएगा।