नई दिल्ली। एक बार फिर एसईसीएल ने एकल रूप में सर्वाधिक कोयला उत्पादन कम्पनी होने का गौरव कायम रखा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में एसईसीएल ने 150.545 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया। यह कोलइण्डिया के सभी अनुषागी कम्पनियों में से सर्वाधिक है।

कोविड-19 की वजह से देश में पूर्ण लाकडाऊन है। ऐसे परिस्थितियों में भी एसईसीएल खनिक निरंतर कोयला उत्पादन की प्रक्रिया में लगे रहे, ताकि देश के कोयला आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके।

अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा के कुशल नेतृत्व में कोलइण्डिया के कुल उत्पादन में एसईसीएल का महत्वपूर्ण 25 प्रतिशत सहयोग रहा। वित्तीय वर्ष 2019-20 में कोलइण्डिया ने 602.14 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जिसमें से एसईसीएल ने 150.545 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है।

कोलइण्डिया की दूसरी सर्वाधिक कोयला उत्पादक कम्पनी एसईसीएल से 10 मिलियन टन पीछे है एवं तीसरी सर्वाधिक कोयला उत्पादक कम्पनी 42 मिलियन टन पीछे है। कोयला उत्पादन की यह श्रृंखला वर्ष भर पूरी तेजी से चलती रही और एसईसीएल ने दूसरी बार 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन के ऑंकड़े को पार किया। एसईसीएल ने यह लगातार दूसरी बार 2 वित्तीय वर्षों में हासिल किया है। आज तक कोलइण्डिया की किसी भी अनुषांगी कम्पनी द्वारा यह मापदंड हासिल नहीं किया गया।

इस दौरान एसईसीएल द्वारा कई कोयला उत्पादन के रिकार्ड बनाए एवं तोड़े गए। 27 मार्च को एसईसीएल द्वारा एक मिलियन टन कोयला उत्पादन किया गया। वित्तीय वर्ष के अंत में कोयला उत्पादन अपने चरम पर रहा। एसईसीएल ने दिनांक 26 व 31 मार्च को 9 लाख टन से अधिक एक दिवसीय कोयला उत्पादन किया। इसी प्रकार दिनांक 18, 19, 20 एवं 23 मार्च को 8 लाख टन से अधिक एक दिवसीय कोयला उत्पादन किया।

एसईसीएल हमेशा ही जिम्मेदार सार्वजनिक उपक्रम रहा है। एसईसीएल न केवल कोयला उत्पादन में सर्वोत्कृष्ठ है बल्कि अपने आसपास के क्षेत्रों और उसमें रहने वाले लोगों का भी ध्यान रखता है। हाल ही में एसईसीएल ने सकारात्मक कदम उठाते हुए कोविड-19 के उन्मूलन हेतु 1.75 करोड़ रूपये का सहयोग किया। यह सहयोग जिला- कोरबा, अनूपपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, उमरिया, शहडोल एवं बिलासपुर में प्रत्येक जिला प्रशासन को 25 लाख रूपये का दिया गया है। कोविड-19 से संक्रमित होने वाले मरीजों की देखभाल के लिए एसईसीएल ने 132 क्वारंटाईन/आइसोलेशन बेड्स शहडोल, अनूपपुर, कोरिया, अमलाई, सूरजपुर, कोरबा में तैयार किए हैं।

पूरे लाकडाऊन की स्थिति में भी कोयला उत्पादन आवश्यक सेवा होने के कारण एसईसीएल के श्रमवीर कार्यरत रहे। एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा ने इस गौरवमयी ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय टीम एसईसीएल, श्रमसंघ प्रतिनिधियों, सभी अंशधारकों, शासन-प्रशासन को दिया है।