बरनाला, पंजाब। यूक्रेन पर रूसी हमला आज सातवें दिन भी जारी है. इधर कल कर्नाटक के छात्र नवीन की मौत के बाद आज दूसरे भारतीय छात्र की मौत यूक्रेन में हो गई है. हालांकि नवीन की मौत हमले में हुई थी, लेकिन आज पंजाब के बरनाला के रहने वाले छात्र चंदन जिंदल की मौत ब्रेन स्ट्रोक से हुई है. दरअसल वहां भारतीय छात्र बेहद तनाव में पल-पल अपनी जिंदगी की खैर मनाते हुए दिन काट रहे हैं. इस बेहद तनाव का असर वहां स्टूडेंट्स पर भी पड़ रहा है. वे वहां से निकलने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं, वहीं भारत सरकार भी लगातार फ्लाइट भेजकर छात्रों को युद्धग्रस्त देश से निकालने की कोशिश कर रही है. आज वायुसेना के भी 3 विमानों को भेजा गया है.

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तबियत बिगड़ने पर छात्र को अस्पताल में कराया गया था भर्ती, नहीं बच सकी जान

जानकारी मिल रही है कि मृतक छात्र चंदन जिंदल (22) विनिस्तिया की मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे. उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें विनिस्तिया के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत बिगड़ने पर उन्हें ICU में भर्ती कराया गया. बताया जा रहा है कि ब्रेन स्ट्रोक के चलते उनकी जान चली गई. बता दें कि खारकिव समेत कई प्रमुख शहरों लगातार हमले हो रहे हैं. यहां 24 घंटे में हुए हमलों में 21 लोग मारे गए, 112 घायल हो गए. आज सुबह रूसी पैराट्रूपर्स ने खारकिव में एक अस्पताल पर हमला किया. वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया है कि जंग में अब तक लगभग 6000 रूसी सैनिक मारे गए हैं. इधर रूस खेर्सोन पर कब्जा करने का दावा कर रहा है.

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कल हुई थी कर्नाटक के छात्र की मौत

कल कर्नाटक के नवीन शेखरप्पा की मौत हो गई थी. उनके साथियों ने बताया कि वह कुछ सामान लेने के लिए सुपरमार्केट गए थे. इसी दौरान हुए एक हमले में उनकी मौत हो गई थी. केंद्र सरकार की ओर से कर्नाटक के नवीन को शव को भी जल्द से जल्द भारत लाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं. दरअसल यूक्रेन ने अपना एयरस्पेस बंद कर रखा है, ऐसे में वहां किसी भी देश के विमान की लैंडिंग नहीं हो सकती है. नवीन के पिता शेखरप्पा ने PM मोदी और CM बोम्मई से अपने बेटे की बॉडी जल्द से जल्द देश लाने की मांग की है.

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युद्ध से पहले करीब 20 हजार भारतीय थे यूक्रेन में

24 फरवरी को सैन्य संघर्ष शुरू होने से पहले यूक्रेन में बड़ी संख्या में छात्रों सहित लगभग 20,000 भारतीय रह रहे थे. इनमें अधिकतर छात्र शामिल हैं, जो कि मुख्य रूप से चिकित्सा संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं. अधिकारियों ने कहा है कि उनमें से लगभग 60 प्रतिशत यानी लगभग 12,000 यूक्रेन छोड़ चुके हैं और 2,000 से अधिक को भारत लाया जा चुका है. भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि यूक्रेन में शेष 40 प्रतिशत भारतीयों में से लगभग आधे खारकिव, सूमी क्षेत्र में संघर्ष क्षेत्र में रहते हैं और अन्य आधे या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं तक पहुंच गए हैं या वहां जा रहे हैं. वे आमतौर पर संघर्ष क्षेत्रों से बाहर हैं.