Self Healing Road Technique : सड़कों पर बने गड्ढे हर साल हजारों मौत के जिम्‍मेदार होते हैं. दिक्‍कत ये आती है कि एक बार सड़क पर गड्ढा बन जाए तो उसे भरने के लिए बाकायदा ठेका दिया जाता है और फिर मरम्‍मत कार्य शुरू होता है.

इस सारी प्रक्रिया को पूरा करने में कई महीने निकल जाते हैं. लेकिन, राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अब ऐसा तरीका खोज निकाला है जिससे सड़कें खुद अपनी मरम्‍मत कर लेंगी. सुनने में यह थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन जल्‍द ही भारतीय सड़कों पर आपको यह तकनीक दिखाई दे जाएगी.

सड़क टिकाऊपन के लिए अभिनव नजरिया (Self Healing Road Technique)

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने, जो नाम न बताने की शर्त पर बोल रहे थे, ने सड़क टिकाऊपन बढ़ाने और गड्ढों की समस्या से निपटने के लिए अपरंपरागत तरीकों को अपनाने की योजना का खुलासा किया. अधिकारी ने कहा, “हम टिकाऊपन बढ़ाने और गड्ढों की समस्या से निपटने के लिए नए और अपरंपरागत तरीकों पर विचार कर रहे हैं.” स्व-मरम्मत डामर की शुरुआत इस बड़े मुद्दे का एक स्थायी समाधान पेश करने के लिए तैयार है.

लागत-लाभ का विश्लेषण

हालांकि इस योजना को बड़े पैमाने पर लागू करने से पहले, प्राधिकरण स्व-मरम्मत तकनीक की व्यवहार्यता और प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए एक व्यापक लागत-लाभ विश्लेषण करेगा. यह सावधानीपूर्वक मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सड़क रखरखाव प्रयासों के असर को अधिकतम करने के लिए संसाधनों का बेहतर आवंटन किया जाए.

क्या हैं सेल्फ-हीलिंग सड़कें

जब हम सेल्फ-हीलिंग सड़कें कहते हैं,तो हम सेल्फ-हीलिंग डामर के उपयोग की बात कर रहे होते हैं. डामर उन प्रमुख कंपोनेन्ट्स में से एक है जो सड़क बनाते हैं और एक प्राकृतिक रूप से सेल्फ-हीलिंग मेटेरियल हैं. इसे स्मार्ट डामर भी कहा जाता है और यह सड़क मरम्मत की दुनिया में चर्चा बटोर रहा है.सेल्फ-हीलिंग सड़कें या स्मार्ट डामर स्टील फाइबर और एपॉक्सी कैप्सूल से युक्त एक ग्राउंड-ब्रेकिंग मेटेरियल है,जो छोटी दरारों की मरम्मत कर सकती है और पानी के जमा होने को रोक सकती है. यह एक इंडक्शन मशीन का उपयोग करके स्टील फाइबर पर हीट लागू करके किया जाता है, जिसके बाद डामर के साथ मोर्टार पिघल जाता है और खुद की मरम्मत हो जाती है.

सड़क निर्माण करते समय स्‍टील के पतले रेशे डाले जाएंगे जिन्‍हें बिटुमिन (एक प्रकार का डामर) कहा जाता है.सड़क में जैसे ही कोई टूट-फूट होगी तो यह बिटुमिन गर्म होकर फैलना शुरू हो जाएगा और यह वापस कंक्रीट के साथ मिलकर स्‍टीलनुमा धागों को जोड़ देगा. इस प्रक्रिया से सड़कों में गड्ढे नहीं होंगे.