नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण लगता है आ बैल मुझे मार वाली कहावत को चरितार्थ करने में लगे हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले से निकले अभी चंद दिन नहीं बीते हैं कि फिर सेमुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे के कान्हा नेशनल पार्क की हवाई यात्रा को लेकर किए गए ट्वीट के जरिए सवाल खड़े किए हैं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य अधिवक्ता ने महाधिवक्ता से मानहानि का मुकदमा दायर करने की अनुमति मांगी है.

दरअसल, यह मामला मुख्य न्यायाधीश बोबडे के दशहरा अवकाश के दौरान 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक कान्हा टाइगर रिजर्व की मध्यप्रदेश सरकार के हैलिकॉप्टर से की गई यात्रा को लेकर उठा. वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इस पर ट्वीट के जरिए आपत्ति उठाते हुए कहा कि ऐसे वक्त में जब मध्यप्रदेश सरकार के अस्तित्व से जुड़ा महत्वपूर्ण मामला (कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों के दलबदल का) सुप्रीम कोर्ट में फैसले के लिए लंबित है, तब मुख्य न्यायाधीश मध्यप्रदेश सरकार के स्पेशल हैलिकॉप्टर की सेवा का लाभ उठा रहे हैं.

इस ट्वीट की तत्काल प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुनील सिंह ने इस ट्वीट के जवाब में महाधिवक्ता केके वेणुगोपाल से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला दाखिल करने की अनुमति मांगी है. अपने पत्र में अधिवक्ता सुनील सिंह ने लिखा कि प्रशांत भूषण का ट्वीट अनेक समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है. यह ट्वीट सुप्रीम कोर्ट को विवादित करने के साथ न्यायालयीन प्रक्रिया को बाधित करने वाली है. जिसे ध्यान में रखते हुए अवमानना याचिका की अनुमति मांगी गई है.