सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के सरकार की अनदेखी से हौसले पस्त हैं. बीते छह सालों से उत्कृष्ट खिलाड़ी पुरस्कार नहीं दिया गया है. इससे इन खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी चंद्रशेखर पुरी गोस्वामी ने खेल मंत्री उमेश पटेल को लिखे पत्र में खिलाड़ियों की परेशानी बताई है. पत्र में बताया कि सीनियर कोटा में राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लगाने पर उत्कृष्ट खिलाड़ी पुरस्कार मिलता है. इस अवार्ड की बदौलत स्पोर्ट्स कोटा से खिलाड़ियों को नौकरी मिलती है. लेकिन सरकार की अनदेखी से प्रदेश में लगभग अवार्ड के लिए योग्य 3 सौ खिलाड़ी दर-दर भटकने को मजबूर हैं. इन खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री से लेकर खेल मंत्री और खेल विभाग के अधिकारियों तक गुहार लगा डाली है, लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.

अवार्ड की योग्यता रखने के बाद भी उत्कृष्ट खिलाड़ी पुरस्कार नहीं मिलने से आक्रोशित खिलाड़ियों का कहना है कि सरकार और खेल विभाग ने खिलाड़ियों का मजाक बना रखा है. नियम-कानून का पालन कराने वाले ही उसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं. पिछले छह सालों से उत्कृष्ट खिलाड़ी पुरस्कार नहीं हुआ है, जबकि उत्कृष्ट खिलाड़ी की योग्यता के साथ लगभग 300 से ज्यादा खिलाड़ी इस पुरस्कार के इंतजार में है. अब ऐसे में राज्य में खेल-खिलाड़ियों का विकास कैसे हो सकता है.